नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित 12 भाजपा विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इन विधायकों ने अपनी याचिका में स्पीकर की ओर से दुर्व्यवहार के मामले में की गई कार्रवाई को जरूरत से ज़्यादा कठोर बताया है।
याचिका में कहा गया है कि लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष में बहस होती रहती है। महाराष्ट्र में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि स्पीकर को 12 विधायकों को अपना स्पष्टीकरण देने का अवसर देना चाहिए था। सत्तारुढ़ दल के कुछ विधायक भी स्पीकर के कक्ष में मौजूद थे।
याचिका में कहा गया है कि एक साल के लिए सदन से निलंबित करने का फैसला जरुरत से ज्यादा कठोर है। ऐसा करना केवल विपक्ष की ताकत को कम करने के लिए की गई है। उल्लेखनीय है कि 6 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा के अंदर और बाहर स्पीकर के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में भाजपा के 12 विधायकों को विधानसभा से एक साल के लिए निलंबित किया गया था।