Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

मद्रास HC का आदेश- स्कूलों में हफ्ते में एक बार जरूर गाया जाए वंदेमातरम

मद्रास हाई कोर्ट ने राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में सप्ताह में कम से कम एक बार वंदेमातरम गाना अनिवार्य कर दिया है. हाई कोर्ट ने ये आदेश एक याचिका की सुनवाई में दिया है. इसके अलावा सभी सरकारी दफ्तरों, प्राइवेट कंपनियों में भी महीने में एक बार राष्ट्रगीत जरूर बजना चाहिए. वीरामणी नाम के एक छात्र ने राज्य सरकार की नौकरी के लिए परीक्षा दी थी जिसमें वो एक नंबर से फेल हो गया. फेल होने का कारण वंदे मातरम गीत किस भाषा में लिखा गया है इस सवाल के जवाब में गलत उत्तर देना बताया गया था.

वीरामणी ने अपने उत्तर में बताया था कि वंदे मातरम गीत बंगाली भाषा में लिखी गई थी, जबकि बोर्ड की तरफ से उसका सही उत्तर संस्कृत बताया गया. इसी को लेकर वीरामणी ने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर वंदे मातरम की भाषा पर स्थिति साफ करने का आग्रह किया. 13 जून को राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में बताया कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम मूल तौर पर संस्कृत भाषा में था लेकिन उसे बंगाली भाषा में लिखा गया था. इसी के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने वंदे मातरम को सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षनिक संस्थानों के लिए अनिवार्य करने का फैसला सुना दिया.

कोर्ट ने क्या दिया आदेश?

– कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में सप्ताह में एक बार वंदे मातरम जरूर बजना चाहिए.

– सभी सरकारी दफ्तरों, प्राइवेट कंपनियों में भी महीने में एक बार राष्ट्रगीत जरूर बजना चाहिए.

– राज्य के सूचना विभाग को वंदे मातरम को सभी भाषा में अपलोड करना चाहिए, उन्हें ये सोशल मीडिया पर भी डालना चाहिए.

 – इस आदेश की एक कॉपी तमिलनाडु के चीफ सेकेट्री को भी भेजी जाएगी.

– अगर किसी व्यक्ति को वंदे मातरम गाने में कोई तकलीफ हो रही है, तो उसे जबरन गाने को मजबूर नहीं किया जा सकता है.

गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी सिनेमा हॉल में हर फिल्म के पहले राष्ट्रगान बजाने को अनिवार्य करने किया था, कोर्ट ने कहा था कि सभी को राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा होना होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published.