नई दिल्ली।
मद्रास हाईकोर्ट ने शॉर्ट वीडियो एप TikTok पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। इससे पहले पोर्नोग्राफी और अश्लील कंटेंट के आरोप में मद्रास हाईकोर्ट ने तीन अप्रैल को केंद्र को टिकटॉक एप पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि मीडिया रिपोर्ट से यह पता चलता है कि एप के जरिये अश्लील और अनुचित सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
इंडिया टीवी पर पब्लिश खबर के अनुसार टिकटॉक की ओर से वरिष्ठ वकील इसाक मोहनलाल ने कोर्ट को बताया कि कंपनी ने न्यूड/आपत्तिजनक कंटेंट एप पर अपलोड न हो यह सुनिश्चित करने के लिए नई टेक्नोलॉजी को अपनाया है। टिकटॉक ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट को यह विश्वास दिलाया है कि उसके एप पर अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाएगा।
नौकरी जाने का दिखाया था डर
बाइटडांस ने 22 अप्रैल को एक बयान में कहा था कि भारत में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगने से उसे रोजाना 5 लाख डॉलर तकरीबन 3.5 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है और इससे भारत में कार्यरत उसके 250 कर्मचारियों पर नौकरी जाने की तलवार लटक रही है।