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भारत की पाकिस्तान को आर्थिक चोट, रोके ट्रेक

नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को अलग-थलग करने की नीति के तहत भारत ने आर्थिक तौर पर उसकी कमर तोड़नी शुरू कर दी है। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया था और वहां से आने वाले सामान पर ड्यूटी 200% तक बढ़ा दी थी। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाघा बॉर्डर पर सामान से लदे पाकिस्तान के कई ट्रक अटके हुए हैं। पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलवामा हमले के बाद भारत की कोशिशें पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर हर तरह से नुकसान पहुंचा रही हैं।

पाकिस्तान के एक चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 फरवरी को पुलवामा हमले से पहले ट्रक के जरिए अरबों रुपए का छुहारा वाघा बॉर्डर से भारत में एक्सपोर्ट होना था। हालांकि, अब वाघा बॉर्डर पर छुहारों से लदे सैकड़ों ट्रक खड़े हैं। एक ट्रक में तकरीबन 15 लाख रुपए का माल है। 200% इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के बाद 15 लाख रुपए के सामान पर 30 लाख रुपए की ड्यूटी लगा दी गई है। इसके बाद लाहौर से आ रहे कई ट्रक बॉर्डर पहुंचे बिना ही लौट रहे हैं। भारत के चाय उत्पादकों ने भी कहा है कि वे पाकिस्तान को निर्यात कम कर देंगे। 2018 में भारत ने पाकिस्तान में 1.58 करोड़ किलोग्राम चाय निर्यात की थी। 2017 के मुकाबले चाय के निर्यात में 7.43% का इजाफा हुआ था। चाय उत्पादकों का कहना है कि अब वे पाकिस्तान की बजाय मिस्र, मध्य पूर्व और रूस जैसे देशों में चाय निर्यात करने के बारे में सोचेंगे। पाकिस्तान से आयात होने वाली दो प्रमुख वस्तुएं फल और सीमेंट हैं। अब तक फलों पर 30-50% और सीमेंट पर 7.5% कस्टम ड्यूटी लगती थी। अब यह ड्यूटी बढ़कर सीधे 200% हो चुकी है। भारत-पाकिस्तान के बीच सालाना 17 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है। इसमें भारत की 80% और पाक की 20% हिस्सेदारी है।