तीन देशों की सफल यात्रा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह दिल्ली लौटे हैं। पीएम के दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने बड़ी गर्म-जोशी के साथ उनका स्वागत किया। पीएम मोदी की 95 घंटे की यात्रा शेड्यूल काफी व्यस्त रहा है।
इसके अलावा उन्होंने लिस्बन विश्वविद्यालय में इंडियन स्टडीज के चेयर की स्थापना की और पारस्परिक लाभ के लिए एक हिंदी-पुर्तगाली शब्दकोश विकसित करने की भी घोषणा की। दोनों नेताओं ने एक अनूठी स्टार्टअप पोर्टल – भारत-पुर्तगाल इंटरनेशनल स्टार्टअप हब (आईपीआईएसएच) का शुभारंभ भी किया, जिसका उद्देश्य दोनों देशों और संबंधित नीतियों में स्टार्ट-अप हॉटस्पॉट्स पर जानकारी प्रदान करना है।
अपनी पुर्तगाल यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अपनी पहली आमने-सामने की बैठक के लिए वाशिंगटन पहुंचकर मीटिंग की। राष्ट्रपति ट्रम्प और मोदी ने अपने राष्ट्रों को मजबूत बनाने और उनके नागरिकों को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए सहमति पर जोर दिया।
मोदी ने वाशिंगटन डीसी में राउंड टेबल मीटिंग में 20 प्रमुख अमेरिकी सीईओ से भी मुलाकात की और बातचीत की। उन्होंने वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी), तकनीकी, भारत की अर्थव्यवस्था और डिजिटल भारत, मेक इन इंडिया, स्किल डेवलपमेंट से लेकर विभिन्न विषयों के बारे में बात की।
यात्रा के आखिरी दौर में मंगलवार को नीदरलैंड पहुंचे पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यहां पर रहने वाले पासपोर्ट का रंग कोई भी क्यों ना हो लेकिन पासपोर्ट के रंग बदलने से खुन के रिश्ते नहीं बदलते। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से एंबेसी होती है, ऐंबसेडर होते हैं। बाबू लोग होते हैं। आपको पता नहीं कि उन्हें राजदूत कहते हैं। लेकिन यहां पर आप सब राष्ट्रदूत हैं। उन्होंने कहा कि हर हिंन्दूस्तानी दुनिया के कोने में राष्ट्रदूत हैं।