पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे 154 पर जोगिंद्रनगर से करीब 22 किमी दूर कोटरोपी में शनिवार देर रात पहाड़ दरकने से आए भारी मलबे में सवारियों से भरी एचआरटीसी की दो बसें सड़क समेत मलबे में दफन हो गईं। सवारियों से भरी एक बस करीब एक किलोमीटर तक मलबे के साथ बह गई।बस के परखच्चे उड़ गए। रविवार देर शाम तक मलबे से 45 शव निकाले जा चुके थे, जिनमें 14 की पहचान कर ली गई है। 15 से अधिक और सवारियों की मलबे में दबे होने की आशंका है। भूस्खलन से हाईवे का दो मीटर हिस्सा बह गया।
मलबे में दो बसें, दो कारें और करीब आधा दर्जन मोटरसाइकिलें दब गई हैं। सात घर और तीन दुकानें भी ध्वस्त हो गई हैं। गनीमत यह रही कि भूस्खलन की आशंका के चलते गांव पहले ही खाली करा लिया गया था।
हादसे की सूचना मिलते ही रात सवा दो बजे प्रशासन-पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सुबह करीब नौ बजे से घटनास्थल पर आर्मी और एनडीआरएफ की टीमें ने मोरचा संभाल लिया। बचाव कार्य देर रात तक जारी रहा।
हादसे के शिकार हुए लोगों में हिमाचल के अलावा जम्मू कश्मीर, पंजाब जैसे अन्य राज्यों के पर्यटक भी शामिल हैं। चंबा से मनाली की तरफ जा रही एचआरटीसी बस में 47 सवारियों के अलावा कंडक्टर-ड्राइवर थे।
जैसे ही बस कोटरोपी नालापुल पर पहुंची तीन सौ मीटर ऊपर से पहाड़ी से भारी मलबा आ गया। चलती बस समेत हाईवे पर वीडियो बना रहे बाइक सवार फौजी समेत एक दर्जन वाहन मलबे में बह गए। मलबा पुल समेत वाहनों को करीब 500 मीटर दूरी तक बहा ले गया है।
12.30 बजे दरकी पहाड़ी
01.30 बचाव कार्य हुआ शुरू
02.15 बजे वोल्वो बस की निकाली सवारियां
03.00 बजे चंबा डिपो की बस की तलाश
06.00 बजे बस की लोकेशन हुई ट्रेस
09.25 बजे सेना व एनडीआरएफ ने संभाला मोरचा
2.35: बजे जेसीबी ने स्पॉट पर पहुंचकर शुरू किए शव निकालना