Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

फिर हो सकती है सर्जिकल स्ट्राइक, सावधान रहे पाकिस्तान

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि पूर्व में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए की गई एक कठोर कार्रवाई थी जिससे वह आगे कभी हमारी सीमा के अंदर कोई भी आतंकी धमाका न कर सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले वक्त में यदि जरूरत पड़ी तो हम ऐसी कार्रवाई बार बार करेंगे।vipin-rawatआर्मी चीफ ने यह बातें एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहीं। उन्होंने कहा कि अगर सीमा पार बैठे आतंकी लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर स्थिति बिगाड़ने की कोशिश करेंगे तो हम ऐसी ऐसी कार्रवाई बार बार करने से गुरेज नहीं करेंगे। रावत ने कहा कि सेना के पक्ष में कहा कि उनको आतंकियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करने का पूरा हक है। उन्होने सर्जिकल स्ट्राइक के सफल ऑपरेशन का श्रेय पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग को दिया।

बता दें कि जनरल रावत ने देश के 27वें सेना प्रमुख के रूप में शनिवार (31 दिसंबर, 2016) को पदभार संभाला था। खास बात यह है कि पद भार संभालते ही सेना प्रमुख ने कहा था कि सेना की प्राथमिकता सीमा पर शांति बनाए रखने की है लेकिन वह ‘‘जरूरत पड़ने पर अपनी ताकत का इस्तेमाल करने से नहीं’’ चूकेगी।

जनरल बिपिन रावत को आर्मी चीफ बनाने को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को नया थलसेनाध्‍यक्ष चुना था। जिसके लिए सीनियरिटी के आधार पर चीफ बनाने की प्रक्रिया में 1983 के बाद पहली बार फेरबदल किया गया था।

 लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को आर्मी चीफ चुने जाने के लिए कमांड चीफ लेफटिनेंट प्रवीण बक्शी और दक्षिणी कमान के आर्मी चीफ लेफटिनेंट पीएम हारिज इन दोनों को ही नजरअंदाज किया गया। जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। इस पर लोगों ने सांप्रदायिक रंग देकर यह भी कहा था कि मोदी किसी मुस्लिम को चीफ बनाने के पक्ष में नहीं थे इसलिए उन्होने ऐसा किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.