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प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो ओलंपिक के खिलाड़ियों से बात कर किया उनका उत्साहवर्धन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले 15 खिलाड़ियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों के व्यक्तिगत और खेल प्रतिस्पर्धा से जुड़े विषयों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा से यह जानने की कोशिश की कि हाल के दिनों में खेलों में वह किस तरह का बदलाव देखती हैं। इस पर सानिया ने कहा की देश में अब खेलों को ज्यादा प्रोत्साहन मिलने लगा है और देश के विभिन्न भागों में खेलों के प्रति रुचि भी बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा कि हर खेल की भांति इसमें भी लगन, मेहनत और कुछ भाग्य अपना किरदार निभाता है। अपनी साथी खिलाड़ी अंकिता रेनी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि वह अपने साथ ‘यंग पैरों’ (युवा साथी) की जरूरत महसूस कर रही थी, जो पूरी हुई।

हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और उनकी टीम के कोरोना काल में संक्रमित होने एवं उस दौरान टीम भावना के विकास के विषय पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें अपना श्रेष्ठतम देने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने श्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ियों का जिक्र करते हुए ओलंपिक में हॉकी इतिहास को फिर दोहराने की अपील की।

कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट से प्रधानमंत्री ने उनके पिछली बार चोटिल होने के विषय में जाना तथा उनके पिता से बातचीत करते हुए यह पूछा कि वे अपनी बेटी को क्या संदेश देकर भेज रहे हैं। इस पर उनके पिताजी ने कहा कि वे अपनी बेटी को कह चुके हैं कि अगर वह जीत कर आई तो वे उन्हें एयरपोर्ट पर लेने जाएंगे, अन्यथा नहीं जाएंगे।

टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा से उन्होंने उनके बाएं हाथ पर तिरंगा पेंट करने के विषय में पूछा, जिस पर उन्होंने कहा कि वह सर्व करते हुए तिरंगा देखकर अपना श्रेष्ठतम देने की कोशिश करती है।

टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल को वरिष्ठ खिलाड़ी के तौर पर प्रधानमंत्री ने अपनी भूमिका निभाते हुए बाकी ओलंपिक खिलाड़ियों को भी संभालने की जिम्मेदारी दी। इस पर शरत ने कहा कि इस बार खिलाड़ी कोरोना के चलते अलग माहौल में खेलेंगे और वह अपने साथी खिलाड़ियों से प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करने का अनुरोध करते हैं।

प्रधानमंत्री ने शूटिंग खिलाड़ी सौरव चौधरी से उनकी एकाग्रता और एलावेनिल वालारिवान से शूटिंग और पढ़ाई के बीच में संतुलन बनाने के विषय पर बातचीत की। उन्होंने एला से बातचीत की शुरुआत गुजराती में की और उनके माता-पिता से तमिल में अभिवादन किया।

प्रधानमंत्री ने पीवी सिंधु से कहा कि वह जब जीतकर लौटेंगी तो उनके साथ उनकी पसंदीदा आइसक्रीम खाएंगे। उनके माता-पिता से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने पूछा कि वह खेलों की ओर आकृष्ट बच्चों के अभिभावकों को क्या संदेश देना चाहते हैं। इस पर उनके पिता ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य हर तरह से बच्चों को एकाग्रता और जीवन में अन्य लक्ष्य हासिल करने में मदद करता है।

प्रधानमंत्री से बातचीत में बॉक्सिंग खिलाड़ी मैरी कॉम ने अपने बच्चों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वह मोहम्मद अली को अपना खेल में प्रेरणास्रोत मानती हैं। खेल से जुड़ी विभिन्न प्रतिस्पर्धा में शीर्ष पर रहने वाली मैरीकॉम ने कहा कि वह कोशिश करेंगी कि देश को स्वर्ण पदक दिला सकें।

बॉक्सर आशीष कुमार से बातचीत में प्रधानमंत्री ने हाल ही में उनके पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के इसी तरह की परिस्थितियों से गुजरने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सचिन ने उस समय अपने खेल के माध्यम से अपने पिता को श्रद्धांजलि दी थी।

एथलीट दुती चंद ने प्रधानमंत्री के साथ संवाद में स्वीकारा कि वह ओलंपिक खेलों को लेकर थोड़ी डरी और नर्वस रहती हैं, लेकिन वह हर चुनौती को पार करने के लिए अपना पूरा प्रयास करने में विश्वास रखती हैं।

मोदी ने तीरंदाज प्रवीण कुमार जाधव के साथ बातचीत में उनकी व्यक्तिगत परिस्थितियों के बारे में जाना। जाधव ने बताया कि उनकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं थी और वह मजदूरी नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने खेल को चुना। प्रधानमंत्री ने उनके माता-पिता को असली चैंपियन बताया। साथ ही कहा कि उन्होंने साबित कर दिया है कि जज्बा हो तो हमें हमारी परेशानियां रोक नहीं सकती और जमीनी स्तर पर काम हो तो देश की प्रतिभा क्या नहीं कर सकती।

उन्होंने तैराक साजन प्रकाश से उनकी गंभीर चोट के बारे में पूछा और यह जानना चाहा कि उन्होंने इसे कैसे पार किया। तीरंदाज दीपिका कुमारी के हाल ही में पेरिस में स्वर्ण पदक जीतने को प्रधानमंत्री ने करिश्मा बताया। प्रधानमंत्री ने बचपन में आम तोड़ने से जुड़े उनके अनुभव पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि अपेक्षा और उम्मीदों के बीच संतुलन बनाते हुए दीपिका ने विषम परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी है। उन्हें उम्मीद है कि वे देश का गौरव बढ़ाएंगी।

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