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पीएम मोदी के इस दांव ने सबको चटाई धूल, न चीन न रूस और न अमेरिका, भारत बना सबसे शक्तिशाली देश

army-suv-final भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांछी योजना मेक इन इंडिया के तहत करीब 60 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 2,610 फ्यूचर इन्फैंट्री कम्बैट वीइकल (FICVs) परियोजना का काम तेजी से शुरू कर चुका है। ये वीइकल सेना को दिए जाने हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक लंबे समय से अटकी इस परियोजना के लिए ऑर्डनंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) समेत 5 निजी कंपनियां दौड़ में हैं। जानकारी के मुताबिक जल्द ही इनमें से किसी कंपनी का चयन कर FICVs के डिजाइन और नमूना बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।

सरकार इसकी डिवेलपमेंट लागत का कुल 80% धन मुहैया कराएगी, जो करीब 3-4 हजार करोड़ रुपये के करीब है। एक सूत्र ने बताया कि बेहतरीन नमूना को बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए चुना जाएगा। मंत्रालय की एकीकृत परियोजना प्रबंधन टीम (IPMT) द्वारा कंपनियों के एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट के आकलन का काम अंतिम दौर में है। निजी कंपनियों में एल ऐंड टी, महिन्द्रा, पीपावेव डिफेंस ऐंड ऑफसोर इंजिनियरिंग, टाटा मोटर्स-भारत फोर्ज और टाटा पावर एसईडी-टीटागढ़ वैगन्स शामिल हैं।

मेक इन इंडिया के तहत बनने वाली FICVs को रूस की BMP-II की जगह धीरे-धीरे सेना को उपलब्ध कराया जाएगा। सेना के जवान टैंक के पीछे से चलने वाले इस तरह के इन्फैंट्री वीइकल का इस्तेमाल करते हैं। 13 लाख की संख्या वाली मजबूत भारतीय सेना के पास 63 आर्मर्ड रेजिमेंट्स हैं जिनमें टी-90एस, टी-72 और अर्जुन टैंक्स के साथ-साथ BMP वीइकल शामिल हैं।
 

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