स्थानीय सूत्रों ने बताया कि दो लोगों की तो मौके पर ही मौत हो गई जबिक एक महिला समेत चार लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ा। इस हादसे में बचे एक तीर्थयात्री रामअवतार महतो ने बताया कि हम लोग तीन घंटे से बोट का इंतजार कर रहे थे। लांच आते ही तमाम लोग एक साथ उस पर सवार होने के लिए लपके। किसी ने कह दिया कि ज्वार नहीं आने तक दूसरा बोट यहां नहीं आएगा। इसलिए सब इसी लांच पर सवार होने का प्रयास कर रहे थे।
उसने बताया कि भगदड़ में कुछ लोग जमीन पर गिर गए। बीमारी और पैरों तले रौंदे जाने से उनकी मौत हो गई। इस हादसे के बाद लांच की आवाजाही रोक दी गई है और भारी तादाद में पुलिस वाले और आपदा प्रबंधन विभाग के सदस्य मौके पर तैनात हैं। इस बार रिकार्ड तादाद में तीर्थयात्री गंगासागर पहुंचे थे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार व रविवार को लगभग 16 लाख लोगों ने यहां डुबकी लगाई। मेले में सुरक्षा इंतजाम पहले के मुकाबले बेहतर होने की वजह से वहां तो कोई हादसा नहीं हुआ। लेकिन वापसी के समय हुए इस हादसे में एक बार फिर भीड़ को नियंत्रित करने के तंत्र पर सवालिया निशान लगा दिया है।