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‘पद्मावती’ और भंसाली के समर्थन में आया राजस्थान का ये राजघराना

विवादों से चौतरफा घिरी फिल्म ‘पद्मावती’ पर जहां राजपूत समाज समेत राजस्थान के पूर्व राजघराने फिल्म के खिलाफ एक साथ खड़े हैं वहीं एक राजघराना फिल्म के समर्थन में आगे आया है। राजस्थान के बूंदी राजघराने ने फिल्म को अपना पूरा समर्थन दिया है और कहा है कि बिना फिल्म देखे समाज को इतना बवाल नहीं करना चाहिए।

बूंदी राजघराने के सदस्य बलभद्रसिंह और वंशवर्द्धन सिंह ने फिल्म का समर्थन करते हुए कहा कि फिल्म देखे बिना विरोध,तोड़फोड़ जैसी हिंसात्मक जैसी घटना कायराना है राजपूत समाज द्वारा ऐसा करना से पूरे समाज की बदनामी हो रही है।

गौरतलब है कि पूरे राजस्थान में लगभग सभी समाज के लोग, राजनैतिक पार्टियों के नेता एक आवाज में इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं जिससे अब फिल्म निर्माता पर फिल्म को रिलीज नहीं करने का दबाव लगातार बढ़ रहा है।
 
​विवादों से चौतरफा घिरी फिल्म ‘पद्मावती’ पर जहां राजपूत समाज समेत राजस्थान के पूर्व राजघराने फिल्म के खिलाफ एक साथ खड़े हैं वहीं एक राजघराना फिल्म के समर्थन में आगे आया है। राजस्थान के बूंदी राजघराने ने फिल्म को अपना पूरा समर्थन दिया है और कहा है कि बिना फिल्म देखे समाज को इतना बवाल नहीं करना चाहिए।
 
बूंदी राजघराने के सदस्य बलभद्रसिंह और वंशवर्द्धन सिंह ने फिल्म का समर्थन करते हुए कहा कि फिल्म देखे बिना विरोध,तोड़फोड़ जैसी हिंसात्मक जैसी घटना कायराना है राजपूत समाज द्वारा ऐसा करना से पूरे समाज की बदनामी हो रही है।
 
गौरतलब है कि पूरे राजस्थान में लगभग सभी समाज के लोग, राजनैतिक पार्टियों के नेता एक आवाज में इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं जिससे अब फिल्म निर्माता पर फिल्म को रिलीज नहीं करने का दबाव लगातार बढ़ रहा है।

सीएम के पत्र से और भी गहराया संकट

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय मंत्री स्मृति ईरानी को लिखे गए पत्र से अब इसस फिल्म के रिलीज पर और भी ज्यादा संकट के बादल छा गए हैं।

सीएम राजे ने फिल्म को लेकर पूरे मामले से केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी को पत्र लिखकर अवगत कराया है। पत्र में सीएम ने आग्रह किया है कि ‘पद्मावती’ फिल्म तब तक रिलीज न हो, जब तक इसमें आवश्यक बदलाव नहीं किए जाएं। ताकि किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
 
उन्होंने पत्र में कहा है कि इस संबंध में सेंसर बोर्ड को भी फिल्म प्रमाणित करने से पहले इसके सभी संभावित नतीजों पर विचार करना चाहिए।