लखनऊ
बाबा रामदेव की कम्पनी पतंजलि भारत के प्रधानमंत्री की फोटो का अपने विज्ञापन में इस्तेमाल करना महंगा पड़ सकता है.लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के संयोजक प्रताप चन्द्र ने इस सम्बन्ध में गृह मंत्रालय से लिखित शिकायत दर्ज करायी है.शिकायत में कहा गया है कि राष्ट्रीय प्रतीक और राष्ट्रीय ध्वज के दुरूपयोग के लिये पहले भी जनवरी 2014 में एक जनहित याचिका प्रताप चन्द्र बनाम भारत सरकार मुक़दमे में इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच ने सभी कंसर्न एथोरिटी को The Emblem & Name Act, 1950 का अनुपालन सुनिश्चित कराने का आदेश दिया था. बावजूद इसके भारत के प्रधानमन्त्री की तस्वीर का दुरूपयोग किया जा रहा है.
The Emblem & Name Act का दिया हवाला
The Emblem & Name Act, 1950 के 9-A के Pictorial Representation में शामिल कई लोगों के साथ ही भारत के प्रधानमंत्री भी शामिल हैं जिनके फोटो का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी कैलेंडर में कर सकते हैं, परन्तु कंपनी एक्ट में पंजीकृत “पतंजलि” ने अपनी पतंजलि अनुसंधान संस्थान को प्रचारित करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो लगाकर तमाम समाचार पत्रों में 3 मई 2017 को दिए विज्ञापन में इस्तेमाल किया.
पतंजलि ने किया एक्ट का उल्लंघन और हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना भी
पीएम की तस्वीर किसी निजी एड के लिए इस्तेमाल करना न सिर्फ The Emblem & Name Act, 1950 का उलंघन है बल्कि हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना भी है.
जियो और पेटीएम मांग चुके हैं माफ़ी
आपको बता दें नोटबंदी के समय यानि नवम्बर 2016 में “पेटीएम” ने और “जियो” कम्पनी ने भी पीएम की तस्वीर का इस्तेमाल अपने प्रचार सामग्री के रूप इस्तेमाल किया था. जिसे नोटिस किया गया था और दोनों को माफी मांगनी पड़ी थी. गृह मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि “पतंजलि” कम्पनी द्वारा गत 3 मई 2017 को दिए गए तमाम समाचार पत्रों के विज्ञापन में प्रधानमंत्री के फोटो का इस्तेमाल करने को संज्ञान में लेते हुए तत्काल विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये. जिससे हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन न हो, अन्यथा मजबूरन “कंटेम्पट” करना होगा.
प्रधानमंत्री की फोटो के इस्तेमाल के सम्बन्ध में The Emblem & Name Act, 1950 के अंतर्गत पतंजलि को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.