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न्यूजीलैंड के यू ट्यूबर को भारत में ब्लैक लिस्ट करने के मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट न्यूजीलैंड के यूट्यूबर कार्ल एडवर्ड राईस ऊर्फ कार्ल रॉक की पत्नी मनीषा मलिक ने अपने पति को भारत में आने से रोकने के लिए ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने केंद्र सरकार से तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील फुजैल अहमद अय्युबी ने कहा कि मनीषा मलिक के पति कार्ल रॉक को भारत में नहीं आने दिया जा रहा है। जबकि रॉक को एक्स-2 वीजा जारी किया गया था। इस पर केंद्र सरकार की ओर से वकील अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि कार्ल रॉक ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है। जिसकी वजह से उनका वीजा निरस्त कर दिया गया। तब कोर्ट ने कहा कि आपको इसकी वजह बतानी चाहिए थी कि वीजा क्यों निरस्त किया गया।

कार्ल रॉक को अक्टूबर 2020 से भारत नहीं आने दिया जा रहा है। मनीषा मलिक की ओर से वकील फुजैल अहमद अय्युबी ने कहा है कि राईस को वीजा नहीं देने का केंद्र सरकार का फैसला मनमाना और गैरकानूनी है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के पति को उसके साथ रहने देने से रोककर संविधान की धारा 21 के तहत गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि राईस 2013 से भारत आते रहे हैं और उन्होंने हर बार वीजा नियमों का पालन किया है।

मनीषा मलिक की शादी के बाद राईस को एक्स-2 वीजा दिया गया जो भारतीय नागरिकों के पति-पत्नी या बच्चों को दिया जाता है। राईस को मिला एक्स-2 वीजा 5 मई 2024 को समाप्त होगा। एक्स-2 वीजा के तहत ये नियम है कि इसे हासिल करने वाला व्यक्ति हर 180 दिनों के बाद भारत छोड़ेगा या संबंधित फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस को सूचित करेगा। याचिका में कहा गया है कि राईस 10 अक्टूबर 2020 को भारत से बाहर गए थे। लेकिन उसके बाद उन्हें भारत आने के लिए वीजा नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि उन्हें वीजा नहीं देने की कोई वजह भी नहीं बताई जा रही है।

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