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नए शिक्षण सत्र के साथ ही हुई अभिभावकों से लूट की शुरुआत

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। 
नए शिक्षण सत्र की शुरूआत के साथ ही शहर के प्राइवेट स्कूलों के संचालक व बुक सेलरों की गठजोड़ ने एक बार अभिभावकों की जेबों पर डाका डालना शुरू कर दिया है। वहीं शिकंजा कसने का जिम्मा संभालने वाले जिम्मेदार अपने चैम्बरों से ही नहीं निकल पा रहे हैं। अधिकारियों की हीलाहवाली की पराकाष्ठा इससे अधिक क्या होगी कि जब प्रदेश के मुखिया द्वारा प्राइवेट विद्यालयों की मनमानी पर अकुंश लगाते हुए नए नियम बना दिए गए हैं और इसके बावजूद भी उन नियमों को जमीनी स्तर पर यह अधिकारी लागू नहीं करपा रहे हैं। 
  बताते चलें कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्राइवेट विद्यालय अध्ययनरत विद्यार्थियों के अभिभावकों की गाढ़ी कमाई पर डाका न डाले इसके लिए प्रदेश सरकार ने दो दिन पूर्व ही प्राइवेट विद्यालयो की मनमानी के खिलाफ कठोर नियम बनाए थे। डिप्टी सीएम ने भी नियमों का पालन न करने वाले विद्यालयों की मान्यता रदद करने के साथ कठोर कार्रवाई करने की हिदायत दी थी। बावजूद इसके जिले में प्राइवेट विद्यालय संचालकों पर सरकार के आदेश का कोई असर नहीं दिख रहा है। क्योंकि इन नियमों का पालन कराने का जिम्मा जिन कंधों पर है उन्होंने अभी तक इन नियमों को लेकर कोई संजीदगी नहीं दिखाई है। डीआईओएस की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने इस ओर कार्रवाई के नाम पर अभी तक कोई स्थलीय निरीक्षण ही नहीं किया है। बेपरवाह अधिकारियों की कार्यशैली के कारण ही इस बार भी अभिभावकों के साथ लूट-खसोट करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। अभिभावकों की लूट की बानगी आप को शहर की बस स्टैंड रोड पर स्थित सेठ राम स्वरूप भगवती देवी मेहरोत्रा धर्मशाला में देखने को मिल जाएगी। यहां प्राइवेट विद्यालयों व एक बुक डिपो के संचालक के गठजोड़ से अभिभावकों को जमकर लूटा जा रहा है। जिले में ऐसे ही कई अन्य बुक सेलर व विद्यालय के संचालकों के बीच जमकर शिक्षा का व्यवसाईकरण किया जा रहा है।