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दिव्यांगों को भी उच्च शिक्षा हासिल करने का अधिकारः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिव्यांग लोग भी उच्च शिक्षा पाने के हकदार हैं। शीर्ष अदालत ने कहा है कि उन्हें शिक्षा देने केलिए उचित प्रावधान नहीं बनाने का मतलब उनके साथ भेदभाव करना है। न्यायमूर्ति एके सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उच्च शिक्षा देने वाले तमाम सरकारी संस्थानों या सरकार से सहायता लेने वाले संस्थानों को राइट्स ऑफ पर्सन विथ डिस्एबिलिटी एक्ट, 2016 के प्रावधानों का पालन करना होगा। 

एक्ट में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कम से कम पांच फीसदी सीट पर आरक्षण का प्रावधान है। पीठ ने कहा कि अगर कोई संस्थान एक्ट के प्रावधानों का पालन नहीं करता है कि उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पीठ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) एक समिति का गठन कर इस पर विचार करने के लिए कहा कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में दिव्यांग छात्रों की हितों को ध्यान में रखते हुए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। 

समिति इसका अध्य्यन करेगी कि दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा की व्यवस्था है। साथ ही समिति इस पर भी गौर कर सकती है कि हर शिक्षण संस्थानों में दिव्यांग लोगों की देख-रेख के लिए आतंरिक समिति हो। पीठ ने कहा कि यह काम अगले साल जून तक पूरा हो जाना चाहिए। पीठ ने जुलाई, 2018 में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।