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डीएम ने अपने ड्रायवर को दिया यादगार तोहफा, खुद गाड़ी चलाकर गए घर तक छोड़ने

अक्सर बड़े पदों पर बैठे अधिकारी अपने सख्त मिजाज के लिए जाने जाते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने मातहतों को पूरा सम्मान देते हैं। ऐसे ही एक अधिकारी हैं मुंगेर के डीएम उदय कुमार। दरअसल, हाल ही में उनके ड्रायवर रिटायर हुए और इस मौके पर अपने ड्रायवर को यादगार तोहफा दे दिया। जिलाधिकारी अपने ड्रायवर को अपनी सीट पर बैठकर खुद कार चलाते हुए घर तक छोड़ने गए।

जिलाधिकारी के इस कदम की महकमें में ही नहीं बल्कि पूरे जिले में चर्चा हो रही है। लोग कह रहे हैं कि अधिकारी हो तो मुंगेर के जिलाधिकारी जैसा।

खबरों के अनुसार मुंगेर समहरणालय में डीएम की गाड़ी को पिछले 32 सालों से चला रहे सम्पत राम का फेयरवेल कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब घर जाने की बारी आई तो जिलाधिकारी ने सम्पत राम को गाड़ी में पीछे बैठाया और स्वयं ड्राइवर की सीट पर बैठ कर गाड़ी चला उन्हें उनके घर तक पहुंचाया।

जिलाधिकारी ने बताया कि फेयरवेल कार्यक्रम खत्‍म होने के बाद वे अपने ड्राइवर को पीछे की सीट पर बैठाये और खुद उनका ड्राइवर बन उन्हें घर तक छोड़ने गये। ये सब वो अपने ड्राइवर के सम्मान में वे कर रहे हैं।

सम्मान पाकर ड्राइवर सम्पत राम ने कहा कि वो इस सम्मान को आजीवन नहीं भूल सकते हैं। सम्पत के अनुसार वे 1983 से ही जिलाधिकारी के ड्राइवर के रूप में नियुक्त हुए थे। लखीसराय और चकाई के बाद पिछले 32 सालों से मुंगेर के जिलाधिकारी के ड्राइवर के रूप में कार्यरत थे। आज उनकी रिटायरमेंट में मुंगेर डीएम ने जो सम्मान प्रदान किया ऐसा सम्मान उन्हें और कहीं भी नहीं मिला है।