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डीएमए की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, कहा-बाबा रामदेव को न मिले कोई राहत

नई दिल्ली। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर बाबा रामदेव की याचिका का विरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव को कोई भी राहत नहीं दी जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि रामदेव ने एलोपैथी की छवि इसलिए खराब की ताकि वो अपनी दवा कोरोनिल को प्रमोट कर सके।

दरअसल बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एलोपैथी के संदर्भ में उनके बयान के लिए अलग-अलग राज्यों में दर्ज हुई एफआईआर पर रोक लगाने और सभी मामलों का ट्रॉयल दिल्ली शिफ्ट करने की मांग की है। इस मामले पर 5 जुलाई को सुनवाई होनी है।

बाबा रामदेव ने देश के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज एफआईआर को एक साथ क्लब करने के साथ ही आईएमए की पटना और रायपुर ब्रांच की ओर से दर्ज एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है। रायपुर में बाबा रामदेव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 और 504 के तहत केस दर्ज किया गया है।

आईएमए ने अपनी शिकायत में कहा है कि रामदेव ने गलत जानकारी फैलाई है। आईएमए का आरोप है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बाबा रामदेव ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के प्रति आम लोगों के मन में भ्रम पैदा किया है और अविश्वास बढ़ाया है। इससे डॉक्टरों की भावनाएं आहत हुईं।

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