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डाटा चोरी मामले में 15 नवंबर तक रिपोर्ट देगा RBI, एक्‍शन में सरकार

rbi-fix_1477023959नई दिल्‍ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया बैंकों में वायरस या मालवेयर के हमले की जांच कर रही हैं। माना जा रहा है कि इसी वजह से 32 लाख डेबिट कार्ड के डाटा चोरी हुए हैं। वित्‍त मंत्रालय वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि आरबीआई और एनपीसीआई मामले की जांच कर रहे हैं और वे इस मसले पर 15 नवंबर तक रिपोर्ट देंगे।
 
सरकार ने ग्राहकों को किया आश्‍वस्‍त
 
इस बीच आर्थिक मामले विभाग के सेक्रेटरी शाक्तिकांत दास ने ग्राहकों को आश्वस्‍त किया है कि चिंता करने की बात नहीं है और मामले की जांच की जा रही है। सरकार ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।
 
वित्‍त मंंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
 
– देश में 32 लाख डेबिट कार्ड का डाटा चोरी हो जाने के मामले में फाइनेंस मिनिस्‍ट्री और रिजर्व बैंक ने इस बारे में बैंकों से रिपोर्ट तलब की है।
– मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से एक रिपोर्ट देने को कहा है कि कितने कार्ड का डाटा चोरी हुआ है और इसके जरिए कितने पैसे निकाले गए हैं।
– वहीं, फाइनेंस मिनिस्‍ट्री ने आरबीआई और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) से डेबिट कार्ड का डाटा चोरी होने के बारे में विस्‍तृत रिपोर्ट मांगी है। बैंकों की फंक्‍शनिंग पर चिंता जताई गई है।
– रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में बैंकों की फंक्‍शनिंग को लेकर चिंता जताई जा रही है।
– पता चला है कि बैंकों को मलवेयर से जुड़ी दिक्‍कत के बारे में छह सप्‍ताह पहले से जानकारी थी लेकिन बैंकों ने इसके संभावित नतीजों पर रोकने के लिए समय पर कदम नहीं उठाए।
 
बैंकों पर लग सकती है पेनल्‍टी
– डाटा चोरी से कितने पैसे चुराए गए हैं इसका अभी कोई सटीक अनुमान नहीं है लेकिन बैंकों को छह सप्‍ताह पहले इस बारे में जानकारी मिल गई थी, जब ग्राहकों ने विदेशों से अपने कार्ड से अवैध ट्रांजैक्‍शन होने की शिकायत दर्ज कराई थी।
– सूत्रों का कहना है कि भले ही डाटा चोरी कुछ हजार कार्ड तक सीमित हो लेकिन मालवायर की वजह से पेमेंट गेटवे की सुरक्षा में सेंध लगी है। इससे बैंकों में सैकड़ों करोड़ रुपये का डिपॉजिट भी प्रभावित हो सकता है।
– ऐसे में समय पर कदम न उठाने वाले बैंकों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
 
NPCI ने क्‍या कहा?
– एनपीसीआई का कहना है कि धोखाधड़ी से पैसे निकालने के शिकायतें 19 बैंकों के कार्ड और 641 कस्‍टमर्स तक सीमित हैं। अब तक सभी बैंकों ने इस मामले में 1.3 करोड़ रुपए शामिल होने की रिपोर्ट दी है।
– बैंकों, एनपीसीआई, वीजा और मास्‍टर कार्ड सबका कहना है कि उनके सिस्‍टम की सुरक्षा में सेंध नहीं लगी है।
– कुछ बैंकों का कहना है कि कस्‍टमर द्वारा दूसरे बैंक के एटीएम का इस्‍तेमाल करने पर भले ही डाटा चोरी हो गए हों।
 
30 लाख से अधिक ATM कार्ड पर सायबर अटैक
– देश के करीब 30 लाख बैंक अकाउंट और एटीएम कार्ड पर सायबर अटैक हुआ है। इनकी एटीएम मशीन के जरिए क्लोनिंग की जा सकती है और इसके जरिए अकाउंट हैक किया जा सकता है।
– शक है कि चीनी हैकरों ने ये अटैक किया है। बैंकों ने कस्टमर्स से कहा है कि वो अपना पासवर्ड बदलते रहें।
– आरबीआई भी नजर रख रहा है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 6 लाख से ज्यादा एटीएम-डेबिट कार्ड को ब्लॉक कर दिया है। इन कस्टमर्स को नए कार्ड दिए जा रहे हैं।
 
 
एसबीआई ने कहा- दिए जा रहे हैं नए कार्ड
– न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एसबीआई ने एक स्टेटमेंट में कहा कि हमने कुछ कस्टमर्स को आईडेंटिफाई कर उनके कार्ड ब्लॉक किए हैं। इन्हें नए कार्ड दिए जा रहे हैं।
– एसबीआई की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर मंजुला अग्रवाल ने कहा- हमें इस बारे में जानकारी है। हम अपने कस्टमर्स को रिस्क में नहीं डाल सकते। इसलिए उन्हें नए EMV कार्ड दिए जा रहे हैं।
– बैंक ने साफ किया कि उसका डेबिट कार्ड सिस्टम फुली सिक्योर है। वो सिर्फ इसलिए सतर्कता बरत रहा है ताकि उसके कस्टमर्स को कोई दिक्कत ना हो।
– आरबीआई के जुलाई डाटा के मुताबिक, देश में करीब 70 करोड़ डेबिट कार्ड हैं। अकेले एसबीआई के 20 करोड़ डेबिट कार्ड होल्डर हैं।
 
सायबर अटैक का शक किस पर?
– इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, डाटा हैक होने का आंकड़ा 25-30 लाख डेबिट कार्ड तक पहुंच सकता है। इससे सभी बड़े बैंकों के कस्टमर प्रभावित हो सकते हैं। शक है कि ये डाटा चीन से हैक किया गया है।
 
कैसे हुई हैकिंग?
– एसबीआई के एक सीनियर अफसर ने बताया कि फ्रॉड मालवेयर के जरिए व्हाइट लेवल एटीएम से हुआ है। इसकी वजह से एसबीआई के साथ-साथ दूसरे बैंक के कस्टमर भी प्रभावित होंगे। व्हाइट लेवल एटीएम वो होते हैं जिन पर किसी बैंक का नाम नहीं लिखा होता।
– जिन कस्टमर ने ऐसे एटीएम नेटवर्क यूज किए हैं, उनके कार्ड की क्लोनिंग होने का डर है।
आरबीआई का अलर्ट
– आरबीआई बैंकों को अलर्ट कर चुका है। उसने बैंकों से जनवरी 2017 तक सभी मैग्नेटिक चिप वाले एटीएम-डेबिट कार्ड को ईवीएम चिप के कार्ड से रिप्लेस करने को कहा है।
 
क्या करें ताकि सेफ रहें?
– अपने एटीएम पिन को फौरन चेंज करें।
– आऱबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह अपने सभी एटीएम-डेबिट कार्ड को मैगनेटिक स्ट्रिप की जगह ईवीएम चिप में जनवरी 2017 तक कन्वर्ट करें। आप अपने बैंक को कार्ड रिप्लेस करने के लिए कह सकते हैं।
– अगर आपके अकाउंट से फ्रॉड हुआ है, तो बैंक को अलर्ट करें। बैंकिंग लोकपाल और पुलिस को शिकायत दें।
– फ्रॉड हो जाने के बाद एटीएम कार्ड ब्लॉक और रिप्लेसमेंट कराएं।
 
इन जगहों पर खतरा ज्यादा
– सिंडल डे इवेंट में जैसे कोई शो, आईपीएल मैच, क्रिकेट मैच, दूसरे फंक्शन जहां पर टेम्परेरी स्टॉल होते हैं। यहां क्लोनिंग का खतरा ज्यादा है।
– पब्लिक वाई-फाई के इस्तेमाल पर हैकिंग का खतरा रहता है। होटल, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप कार्ड यूज करते वक्त सर्विसमैन को पासवर्ड ना बताएं।
– ऑनलाइन शॉपिंग या पेमेंट करते समय साइबर कैफे के इस्तेमाल से बचें।

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