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टू जी फैसला: अरुण जेटली का पलटवार, ‘लाइसेंस आवंटन में हुआ था भ्रष्टाचार’

2G घोटाले पर सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस के हमले का जवाब देने के लिए सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली सामने आए। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘2G लाइसेंस आवंटन में यूपीए सरकार की तरफ से भ्रष्टाचार किया गया था।’ उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी आवंटन प्रक्रिया को गलत माना था। कांग्रेस नेताओं के आक्रामक रुख को लेकर जेटली ने तंज कसा कि फैसले को तमगा मानकर कांग्रेस खुश हो रही है।

 

 गौरतलब है कि यूपीए-2 सरकार के शासनकाल में 2 जी घोटाले को लेकर जमकर घमासान मचा था। बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने अब इस केस में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इसके बाद से कांग्रेस नेताओं के निशाने पर मोदी सरकार और बीजेपी है। जेटली ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर इस पूरे प्रकरण में बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देने की बात कही। 

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी इस फैसले को सम्मान के प्रतीक के तौर पर लेकर चल रही है जबकि हकीकत यह है कि इस पूरे प्रकरण में घोर अनियमितताएं बरती गईं। कांग्रेस इसे अपनी बेगुनाही का सर्टिफिकेट न माने। लाइसेंस आवंटन के लिए यूपीए सरकार का तरीका भ्रष्ट और बेईमानी वाला था जिसे 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ही खत्म किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस आवंटन प्रक्रिया में बरती गई अनियमितता के आधार पर इसे खत्म किया था।’ 

30 साल से विश्वविद्यालय 
रोहिणी एरिया के फेज 1 में यह आध्यात्मिक विश्वविद्यालय करीब 30 साल से है। आश्रम की तरफ से दावा किया जाता है कि यहां महिला गुरुकुल पद्वति से आध्यात्मिक दिनचर्या रहती हैं। करीब 1 हजार गज में चार मंजिला बना हुआ है। जहां तकरीब 100 से अधिक युवतियां रह रही हैं। विश्वविद्यालय का प्रबंधन भी महिलाओं के हाथ में है। मेडिटेशन से लेकर प्रवचन, योग व अन्य धार्मिक कार्य चलते हैं। रविवार के दिन दिल्ली समेत बाहर के राज्यों से लोग परिवार के साथ पहुंचते हैं। 12 नवंबर को रेप केस से शुरू हुआ विवाद 
बीते 12 नवंबर को इस परिसर में जमकर हंगामा हुआ था। नतीजतन पुलिस बल को बुलाना पड़ा था। राजस्थान के झुंझनू व दिल्ली के दो परिवारों का आरोप था कि उनकी बेटी को यहां जबरन कैद किया हुआ है, जबकि वह बेटी को लेने आए हुए हैं। हंगामा शुरू हुआ। पुलिस जब पहुंची तो हंगामा कर रहे परिवार की एक महिला ने आरोप लगाया कि साल 2000 में जब वह करीब 13 साल की थी तब इस विश्वविद्यालय में अंदर रहते हुए उसके साथ रेप हुआ था। महिला का आरोप था कि अंदर युवतियों के साथ सेक्सुअल हिंसा होती है। न तो परिवार से मिलने दिया जाता है और ना ही घर जाने दिया जाता है। विवाद के तूल पकड़ते ही पुलिस टीमें महिला पुलिस बल के साथ जब अंदर हालात का जायजा लेने पहुंचीं। तब पुलिस ने महिला की कंप्लेंट पर बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर लिया। महिला ने अपनी कंप्लेंट में रेप की घटना साल 2000 की बताई थी। आरोप है कि बाबा लड़कियों को नशे का इंजेक्शन लगाकर उन्हें अपने बस में कर लेता है इसके बाद हर रोज उनका यौन शोषण करता है। 
पहली बार नहीं लगे ऐसे आरोप 
खुद को कृष्ण का अवतार बताने वाले बाबा वीरेंद्र दीक्षित पर रेप व बंधक बनाने जैसे संगीन आरोप पहली बार नहीं लगे। बल्कि आरोपों की लंबी लिस्ट है। विजय विहार की जिस जगह पर आध्यात्मिक विश्वविद्यालय चलता है, वह इमारत किसी किले से कम नहीं है। चारों ओर मजबूत लोहे की ग्रिल का जाल है। बिना इजाजत कोई परिंदा भी यहां पर नहीं मार सकता।आरोप है कि इसी में लड़कियों को बंधक बनाया हुआ है। बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित की दिल्ली में पिछले महीने उस वक्त सुर्खियों में आया जब झुंझनू की एक लड़की अपने घर से गायब हो गई। परिवार फोन लोकेशन के आधार पर यहां पहुंचा तो आश्रम में मौजूद महिलाओं ने लड़की से मिलने नहीं दिया, जिसके बाद आश्रम के बाहर हंगामा शुरू हुआ। कौन है बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित?
रेप का आरोपी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित मूलरूप से यूपी के फर्रुखाबाद का रहनेवाला है। इसके आध्यात्मिक विश्वविद्यालय दिल्ली के अलावा कंपिल व मोहल्ला सिकत्तर बाग में भी संचालित हैं। आश्रमों में हर उम्र की अनुयायी रहती हैं। 16 अप्रैल 1998 को कोलकाता निवासी एक अनुयायी के परिजनों ने फर्रुखाबाद के कंपिल आकर आश्रम में पुत्री को बंधक बनाए जाने का आरोप लगाया था। तब भी जमकर बवाल हुआ था। बाद में बाबा के खिलाफ पुलिस ने बिजली चोरी, रेप व पुलिस पर हमला करने के आरोप में फर्रुखाबाद जिले के कंपिल थाने में कई मुकदमे दर्ज किए थे। जिसमें बाबा को जेल जाना पड़ा था। इसी के बाद से आश्रम चर्चा में आया था। 

वित्त मंत्री ने कहा, ‘2007-08 स्पेक्ट्रम आवंटन का आधार उस वक्त की बाजार कीमतों के आधार पर नहीं दिया गया। उस वक्त की यूपीए सरकार ने 2001 की कीमतों के आधार पर लाइसेंस आवंटित किए। आवंटन नीलामी के जरिए नहीं बल्कि फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के आधार पर किया गया। स्पष्ट तौर पर लाइसेंस आवंटन में निजी हितों को तरजीह दी गई। 

इतना ही नहीं जेटली ने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेता कोर्ट के फैसले को चाहे अपने लिए सम्मान का प्रतीक मानते हों, हकीकत इससे उलट है। बता दें कि फैसले के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता इसे अपनी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार का जवाब बता रहे हैं। 

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, ‘हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। यूपीए सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया। कोर्ट के फैसले से आरोप बेबुनियाद साबित हुए। खराब नीयत से आरोप लगाए गए थे।’ कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि पूर्व सीएजी विनोद राय को देश से माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि विनोद राय इस वक्त बीसीसीआई के प्रशासक समिति (सीओए) के प्रमुख हैं। ‘