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जानिए इस नव वर्ष गणित की कुछ खास बातें 

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर खीरी। 

नव वर्ष की धूम  तो हर ओर दिखने लगी है। लोग तरह तरह से  इसे  सेलिब्रेट करने का  प्रोग्राम बना रहे हैं।  ऐसे में यह भी जरूरी है कि नववर्ष कैलेंडर के बारे में हम आपको कुछ रोचक तथ्य बताएं। जिसके लिए हमने बात की लखनऊ पब्लिक स्कूल के गणित शिक्षक अतुल सक्सेना से। जिन्होंने नव वर्ष पर व उसकी गणित पर बहुत ही रोचक बातें हमसे साझा की। 

  • नववर्ष 2018 हमारे भावी सपनों को अपनी तारीखों, दिनों व माहों को संजोये एक अनुपम समन्वय के साथ एक कलेण्डर के रूप में हमारे सम्मुख आयेगा।
  • इस बार नववर्ष 2018 का कलेण्डर 1 जनवरी दिन सोमवार से प्रारम्भ होकर 31 दिसम्बर दिन सोमवार को ही खत्म हो रहा है। ऐसी तारीखों, दिनो व माहो से संजोये नववर्ष 2018 के इस कलेण्डर का आगमन इस इक्कीसवी सदी में पहली बार नहीं हुआ है, वरन इससे पूर्व 2001 व 2007 में भी ऐसा अवसर आ चुका है।
  • इन वर्षों के अतिरिक्त आगामी वर्षों 2029, 2035, 2046, 2057, 2063, 2074, 2085, 2091 में भी यह कलेण्डर इस सही में पुनः आयेगा।
  • इस तरह से इस सदी में इस वर्ष के कलेण्डर के पुनरावृत्ति कुल ग्यारह बार होगी। सामान्य एवं लिपि वर्षों के कलेण्डर अलग-अलग सात प्रकार के ही होते हैं। एक कलेण्डर के पुनः दोहराने की संभावना सामान्यतया छठवें या ग्यारहवें वर्षों के बाद ही आती है।
  • किसी कलेण्डर की पुनरावृत्ति की प्रक्रिया पूर्णतया एक गणितीय प्रक्रिया है। विगत सदी में इस विशेष कलेण्डर के दोहराने की प्रक्रिया कुल दस बार वर्ष 1906, 1917, 1923, 1934, 1945, 1951, 1962, 1973, 1979 एवं 1990 में भी आयी थी
  • कैलेण्डर से जुड़े ऐसे अद्भुत एवं रोचक तथ्यों को लखनऊ पब्लिक स्कूल की लखीमपुर-खीरी शाखा के गणित शिक्षक श्री अतुल सक्सेना ने सैकड़ों वर्षों के लिए अपनी स्वनिर्मित ‘अंक-कोड कलेण्डर’ की तालिकाओं के आधार पर प्रस्तुत किया है
  • किसी भी वर्ष के लिए अंक कोड कलेण्डर मुँहजुबानी भी बन सकता है। नववर्ष 2018 के कोड-कलेण्डर का अंक कोड 033614625035 क्रमशः 12 माहों जनवरी से दिसम्बर तक के लिए है। किसी तारीख में उसके माह कोड को जोड़कर, प्राप्त योगफल को सात से भाग करने पर आये ‘शेषफल’ से ही दिन को जाना जा सकता है।
  • शून्य से छह तक आये शेषफल से ही क्रमशः दिन रविवार से शनिवार तक का बोध होता है। 26 जनवरी 2008 का दिन जानने के लिए, तारीख 26 में जनवरी का अंक कोड शून्य जोड़ने पर प्राप्त योगफल 26 को 7 से भाग करने पर भागफल 3 एवं शेषफल 5 प्राप्त होता है। शेषफल 5 ही दिन ‘शुक्रवार’ को होने का बोध करता है।