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चाचा ही निकला अनुज का हत्यारा, खुद को बचाने के लिए रचा था षड़यंत्र

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
खीरी थाना क्षेत्र में हुए अनुज हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया। अनुज की हत्या उसके चाचा ने अंजाम दी थी। पुलिस ने चाचा को गिरफ्तार कर लिया है जबकि हत्याकांड में साथ देने वाला साथी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। 
  पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में एएसपी घनश्याम चैरसिया ने बताया कि थाना खीरी के गांव चाऊपुर पंडरी निवासी संतराम के 11 वर्षीय पुत्र अनुज की 26 अक्तूबर की रात धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने पिता संतराम की तहरीर पर गांव के ही दारा सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया था। एएसपी घनश्याम चैरसिया ने बताया वर्ष 2016 में हुए एक हत्याकांड में मुकदमा वादी संतराम समेत आठ लोग नामजद थे। पुलिस ने इस मामले में धर्मेंद्र सिंह, उसके भाई रामाधार और प्रकाश में आए दुखहरन सिंह को जेल भेजा था। इसमें से दुखहरण सिंह दो महीने पहले जेल से छूट गया। नामजदगी गलत होने के कारण पुलिस ने जेल में बंद धर्मेद्र के भाई राजेश सहित पांच लोगों को जेल नहीं भेजा था। जांच के दौरान पुलिस के शक की सुई जेल में बंद हत्यारोपियों की ओर घूम गई। पुलिस ने जब साक्ष्यों के आधार पर राजेश को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया। एएसपी ने बताया कि जेल में मिलाई के दौरान धर्मेंद्र, रामाधार ने जेल में अन्य मामले में बंद थाना निघासन क्षेत्र के कलीम के साथ योजना बनाई। साथ ही यह भी कहा कि 29 अक्तूबर को उसके मामले का ट्रॉयल है। ट्रॅयल के पहले ही खानदानी भतीजे की हत्या करनी होगी। कलीम ने 70 हजार रुपये में हत्या की सुपारी ले ली। जेल से छूटने के बाद कलीम भूल गया। राजेश को भी कलीम के बारे में पूरी जानकारी नहीं थीं। ट्रायल की तारीख नजदीक आने पर राजेश जेल गया और अपने भाइयों से कलीम के न मिलने की जानकारी दी। इसके बाद राजेश ने अपने दोनों भाइयों के कहने पर अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर 26 अक्तूबर की शाम आठ बजे अनुज को बहला फुसलाकर खेतों की ओर ले आया, जहां पहले शराब पी, बाद में उसके बांके से काटकर हत्या कर दी थी।