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कौशल विकास योजना से जुड़े दक्षिण कोरियाई युवक को देश छोड़ने का आदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए कौशल विकास योजना के लिए काम करने वाले एक दक्षिण कोरियाई व्यक्ति को भारत छोड़ने के लिए आदेश दे दिया गया है. वियोंग किल नाम के इस व्यक्ति पर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में अवैध रूप से जमीन खरीदने का आरोप है. इस आरोप में उन्हें 15 मार्च तक देश छोड़ने को कहा गया है.

वियोंग किल पहले चेन्नई में काम करते थे, इसके बाद वो कुछ समय के लिए लखनऊ पहुंचे. यहां का रहन-सहन और संस्कृति ने उसे आर्कषित किया, जिसके बाद उन्होंने यहीं (यूपी) रहने और यहीं से बिजनेस करने का मन बना लिया. उन्हें 2012 में बिजनेस वीजा मिला, जिसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के तहत आने वाले फतेहपुर तहसील के गुंटेर इलाके में एक जमीन खरीदी.

खरीदी गई जमीन किल के बिजनेस फर्म जुआन बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है. राजधानी लखनऊ के इंदिरापुरम इलाके में इस कंपनी के नाम पर एक और जमीन पंजीकृत है.

बाराबंकी के एसपी के मुताबिक, कागजों में वियोंग की राष्ट्रीयता बदलने के कारण जमीन की रजिस्ट्री उनके नाम पर हो गई. एसपी ने कहा कि इसमें वियोंग की कोई गलती नहीं है. बल्कि, फतेहपुर तहसील के कार्मचारियों की गलती के कारण उनके समक्ष ये समस्या उत्पन्न हो गई. उन्होंने कहा कि यह गलती भाषा की समस्या के कारण हुई.

वियोंग ने दावा किया कि उन्होंने इस गलती को सुधरवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर काटते रहे, लेकिन उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई. इसके बाद उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया.

संपत्ति के पंजीकरण के बाद, वियोंग ने अपनी पूरी शक्ति एक स्कूल बनाने में लगा दी. लेकिन राज्य बोर्ड के कुछ नियमों के कारण उन्हें अपनी योजना को रोकना पड़ा. इसके बाद उन्होंने तय किया कि वो प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत लोगों को ट्रेनिंग देना शुरू करेंगे और अपने सपने को पूरा करेंगे. इसके बाद उन्होंने युवाओं को रोजगार पाने के लिए ट्रेनिंग देना शुरू किया.

 वियोंग ने कहा कि मैं यहां पीएम मोदी और सीएम योगी के सपनों को पूरा करने के लिए काम कर रहा हूं. मुझे युवाओं को ट्रेंड कर उन्हें स्वतंत्र जीवन जीने के लायक बनाना अच्छा लगता है. समस्या केवल भाषा की है जिसे मुझे हर जगह जूझना पड़ता है. मुझे भारत और यहां के लोग बेहद अच्छे लगते हैं.

एक निजी मीडिया हाउस से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे पक्ष को जाने बगैर कैसे कोई मुझे भारत छोड़ने के लिए नोटिस दे सकता है. मुझे भारतीय न्यायव्यस्था में पूरा विश्वास है और मैं इस बात के लिए भी आश्वस्त कि मुझे अपना पक्ष रखने को पूरा मौका मिलेगा.

वियोंग ने आगे कहा कि कागजात को सही करने के लिए उन्होंने अपने भारतीय सहयोगी के साथ एक वकील से मुलाकात की. लेकिन वकील ने अपना काम नहीं किया और नोटिस जारी किए जाने तक इंतजार करने के लिए कहा. वकील ने कहा कि नोटिस मिलने के बाद वो मामले को देखना शुरू करेगा.

इस बीच, जिला प्रशासन ने जमीन के पंजीकरण को रद्द करने का फैसला किया है. बाराबंकी एसपी अनिल कुमार सिंह ने कहा, ‘हमें ऐसी जानकारी मिली कि एक कोरियाई व्यक्ति इस इलाके में रह रहा है और एक संपत्ति खरीदी है जिसमें उसने खुद को भारतीय बताया है. हालांकि, जांच के बाद, हमने पाया कि आदमी द्वारा दी गई जानकारी झूठी थी, जिसके बाद उसे 20 दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए नोटिस दिया गया था.’

बाराबंकी के डीएम अखिलेश तिवारी ने कहा कि मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय दल का गठन किया गया है. उन्होंने कहा, ‘वियोंग अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय है और स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करके एक अच्छा काम कर रहा है. हम इस मामले में उसे सहायता प्रदान करेंगे और उनके दस्तावेजों की भी जांच होगी.’