नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के गोल्ड स्मगलिंग मामले के 12 आरोपितों को मिली जमानत को निरस्त करने से इनकार कर दिया है। हालांकि चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच एनआईए की इस अपील पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई, जिसमें जमानत देते समय हाई कोर्ट ने ये कहा था कि गोल्ड स्मगलिंग का मामला कस्टम एक्ट के तहत आता है और वो यूएपीए के अधीन नहीं आता है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले के आरोपित सरकारी कर्मचारी हैं। हम जमानत को निरस्त करने के मामले पर नहीं जाएंगे लेकिन कानूनी सवाल हमारे लिए खुले हुए हैं। सुनवाई के दौरान एनआईए की ओर से एएसजी केएम नटराज ने कहा कि हाई कोर्ट ने न केवल आरोपितों को जमानत देने में गलती की है बल्कि आतंकी कार्य के लिए गोल्ड स्मगलिंग को परिभाषित किया है, इसलिए इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट को विचार करने की जरूरत है। उसके बाद कोर्ट ने कानूनी पक्ष पर विचार करने का फैसला करते हुए 12 आरोपितों को नोटिस जारी किया।
दरअसल, 05 जुलाई 2020 को कस्टम विभाग ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट से 24 कैरेट का 30 किलोग्राम सोना बरामद किया था। सोने की कीमत चौदह करोड़ 82 लाख रुपये बताई जा रही है। एनआईए के अलावा इस मामले की जांच ईडी और कस्टम विभाग भी कर रहा है।