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केंद्र सरकार का आखिरी बजट पर जनता ने दी राय

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट को विपक्ष की तरफ से चुनावी बजट करार दिया जा रहा है। सरकार ने इस बजट में कई योजनाएं और सौगात दी। नौकरी पेशा लोगों के लिए जहां टैक्स में राहत की घोषण की गई तो वहीं किसानों के लिए भी इस बजट में काफी कुछ रहा। कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल जब सदन में बजट पेश कर रहे थे तो सदन में लगातार वाह-वाह और मोदी-मोदी के नारे गूंज रहे थे। उन्होंने इस दौरान मोदी सरकार के 4 साल के कामकाजों का भी बखान किया।

आम चुनाव से पहले आमतौर पर सरकार अंतरिम बजट पेश करती है जिसमें नई सरकार बनने तक के लिये चार माह का लेखानुदान पारित कराया जाता है।पहले से रेल, कोयला मंत्रालय देख रहे पीयूष गोयल को पिछले सप्ताह ही अरुण जेटली के स्थान पर वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया. जेटली पिछले महीने अपना इलाज कराने अचानक अमेरिका चले गये।

वहीं सरकार के इस आखिरी बजट को लेकर गोंडा की रहने वाली सोनल शुक्ला का कहना है कि वो एक हाउस वाइफ है इस बजट से जो उम्मीद थी वो नहीं हुआ महिलाओं के लिए उतना अच्छा बजट नहीं है जितना अच्छा सोचा गया था।

इंद्रानगर की रहने वाली पूनम त्रिपाठी का कहना है हमारे लिए बच्चो कि फीस का बोझ बहुत ज्यादा पढ़ रहा है हमने इस बजट से उम्मीद लगाई थी कि ये बजट बच्चो की बढ़ रही फ़ीस पर कुछ लगाम लगाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ हां टैक्स कम हुआ है उससे हमें कुछ तो राहत मिलेगी।