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और अब अमन ने हासिल की कामयाबी की बुलंदी

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। 

यूं तो बड़ा होकर हर बच्चे का सपना कुछ न कुछ बनने का, कुछ न कुछ करने का होता है। नाम कमाने और एक अलग पहचाने बनाने के लिए एक लम्बे वक्त का इंतजार करना पड़ता है। लेकिन इस होड़ में कोई ऐसा भी है जो न केवल सपने बुनता है बल्कि उसे हकीकत बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत भी करता है। कामयाब होता है और फिर एक और सपने को हकीकत बनाने के सफर पर चल पड़ता है। यह नाम है अमन गुलाटी। 

  उम्र 16 साल और सपने दुनियां भर में नाम कमाने के। छोटी सी उम्र में अमन गुलाटी का हर संघर्ष किसी को प्रेरणा देने से कम नहीं। शुरुआती दिसम्बर में ही अमन ने विश्व रिकार्ड बनाने का इरादा किया। सोचा-विचार तो याद आया कि 25 दिसम्बर को गुरु गोविंद साहिब का प्रकाश पर्व है। फिर क्या था बाल मन में सागर की लहरों सी लहरें उछाल मारने लगीं। अब सवाल था कि आखिर इस सपने को पूरा कहां किया जाए? इस उलझन को दूर किया शहीद भगत सिंह सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष जसपाल सिंह पाली ने। जसपाल सिंह ने किराए पर लिया गया हाल उसे अपना सपना पूरा करने के लिए दे दिया। कई हफ्ते रात-रात भर जागकर पेट्रोट सीटों पर रंगों का जादू बिखेरना शुरू किया। 20-22 दिनों की मेहनत के बाद 25 दिसम्बर को यह ड्रीम पूरा हुआ। 

  

रिकार्ड बनाना तो आदत बन गई है

 

आम इंसान की ख्वाहिश तो बस ऐसा रिकार्ड बनाने भर की रहती है जो समाज में उसकी अलग पहचान बना सके। अमन गुलाटी इससे जुदा हैं। 16 साल की उम्र में अमन गुलाटी इससे पहले दो वल्र्ड रिकार्ड बना चुके हैं। रक्षा बंधन के त्यौहार पर उन्होंने सरहद पर तैनात जवानों के लिए 900 फिट लम्बी राखी बनाई थी। इस राखी को गिनीज बुक आफ रिकार्ड में भी शामिल किया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने दूसरे ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। यह काम भी इतना आसान नहीं था। यह प्रोजेक्ट था नाखून के बराबर का प्रोट्रेट। पोट्रेट की खासियत थी कि अमन ने इसे बिना सूक्ष्मदर्शी की मदद से बनाया था। पोट्रेट पर भगत सिंह की तस्वीर थी। इसके लिए अमन को यूनिक वल्र्ड रिकार्ड से सम्मानित किया गया। 

कि मेरी मंजिल है कहां?

अमन गुलाटी का सिर्फ एक ही सपना अपने शहर, प्रदेश और देश को विश्व स्तर पर ‘टैलेंट के रूप में पहचान दिलानी की है। एक नहीं बल्कि तीन-तीन बार उन्होंने खुद को साबित भी किया। फिर भी अमन में नाम कमाने और देश-प्रदेश को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की भूख बढ़ती ही जा रही है। अमन के माता-पिता आर्थिक रूप से सशक्त न होते हुए भी अपने बेटे का हरसंभव साथ देते हैं। लेकिन कामयाबी की मंजिल अमन को कहां तक ले जाएगी यह फिलहाल खुद अमन को भी नहीं पता। 

रियलिटी शो में भी खुद का टैलेंट साबित करने का सपना

कलर टीवी के मोस्ट पापुलर सीरियल में पहचान बना चुका रियलिटी शो ‘इंडिया गॉट टैलेंट में पहुंचना भी अमन के सपने में से एक है। अमन ने कहा कि अब वह दुनियां भर को अपना टैलेंट दिखाना चाहता है। टीवी चैनल इसका एक सशक्त माध्यम है। यदि वह इस टैलेंट शो तक पहुंच गया तो निश्चित रूप से अपने टैलेंट को देश-विदेश तक ले जाने में कामयाब होगा। 

     अमन गुलाटी

इस प्रतिभा को भी नहीं देखा किसी ने

अमन के अंदर एक और प्रतिभा है जिसे फिलहाल वह किसी के सामने लेकर नहीं आया है। यह प्रतिभा है किसी की भी हूबहू पेंटिंग बनाने की और वह भी आंख बंद करके। प्रदेश जागरण से वार्ता में अमन ने बताया कि वह किसी भी व्यक्ति को कुछ समय तक देखने के बाद आंख बंद करके उसकी तस्वीर बना सकता है। लेकिन अभी इसे सामने लाने में कुछ वक्त है।

 

कोई भी मदद में नहीं आया था आगे

सबसे लम्बी राखी की तरह अमन की इच्छा नाखून के बराबर बनाई गई पोट्रेट इमेज को भी गिनीज बुक रिकार्ड के मंच तक ले जाने की थी। इसके लिए उसे भारी-भरकम इंट्री फीस चाहिए थी। रिकार्ड बनाने के बावजूद अमन के लिए इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था कर पाना नामुमकिन सा नजर आ रहा था। अमन ने बताया कि इस रकम को जुटाने के लिए उसने कई जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों तक की ड्योढ़ी पर पहुंच की। पर हर जगह उसे मायूसी ही हाथ लगी।

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