किसी काल्पनिक परिस्थिति को जीना ही एक्टिंग है। उसमें आप किरदार को जीते हैं। उसका आपके वास्तविक जीवन से कोई नाता नहीं होता है। हालांकि फिल्म एक्टिंग स्टेज से काफी अलग होती है। यह बात गौरव पुरी ने सिरी फोर्ट ऑडिटोरिम में चल रहे जागरण फ़िल्म फ़ेस्टिवल में फिल्म में करियर बनाने को लेकर एक्टिंग संबंधी विषय पर आयोजित मास्टरक्लास के दौरान कही।
गौरव नामी गिरामी बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियो में सीनियर फैकल्टी हैं। इस मौके पर बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियो के प्रोग्राम और मार्केटिंग डायरेक्टर ब्रायन हरवुडभी मौजूद रहे। मास्टरक्लास के दौरान गौरव ने एक्टिंग के लिए आवश्यक चीजों की जानकारी दी। साथ ही वहां पर मौजूद सिने प्रेमियों में से कुछ को मंचन करने का मौका दिया। उसके लिए उन्होंने कुछ खास परिस्थिति दी। जिसे उन्होंने बखूबी अंजाम दिया।
एक सवाल के जवाब में गौरव ने कहा कि एक्टिंग को दो हफ्ते या चार महीनों में नहीं सीखा जा सकता। एक्टर बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। सिर्फ एक्टिंग, डांस या मार्शल आर्ट की क्लास लेना काफी नहीं है। इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना पड़ता है।