Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

ईओ से लेकर चपरासी तक सब रहे नदारद

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।

सरकार कितने भी सख्त नियम बना दें पर नौकरशाह सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, जिसका जीता-जागता एक उदाहरण खीरी नगर पंचायत में देखने को मिला। दोपहर 12 बजे तक कार्यालय की छोटी से लेकर बड़ी तक सभी कुर्सियां खाली थी, लोग अपने काम के लिए इधर-उधर भटक रहे थे। ऐसे में लोगों में आक्रोष दिखना भी लाजिमी था। कुल मिलाकर खीरी नगर पंचायत का हाल अनाथ बच्चें जैसा दिखाई दिया। 

  •  30 दिसम्बर 2017 कहे तो साल का अंतिम दिन क्योंकि 31 तारीख को रविवार की छुट्टी है ऐसे में तमाम ऐसे काम जो समय के अनुरूप जनता करा सकती है। उसके लिए दौड़ रही है। लेकिन काम कैसे होगा और कौन करेगा इस बात को लेकर ओह-पोह जैसी स्थिति खीरी नगर पंचायत में दिखी।
  • 30 तारीख दिन शनिवार दोपहर 12 बजे जब संवाद्दाता नगर पंचायत पहुंचे तो कार्यालय में तैनात अधिकारी से चपरासी तक हर कुर्सी खाली थी। कोई न सुनने वाला था न कुछ बताने वाला। लोग अपनी परेशानियों को लेकर आ रहे थे और बैरंग वापस जा रहे थे।
  • पूरी नगर पंचायत का हाल देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि नौकरशाह सरकारी फरमानों से इत्तेफाक नहीं रखते और नगर पंचायत ईओ भी मानोें सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखा रहे है जहां वे खुद गायब दिखे तो वहीं उनके अधीनस्थ भी इस बात का फायदा उठाकर शायद छुट्टी के मजे ले रहे हो।
  • करीब तीन बजे तक यही हाल रहा। इस दौरान संवाद्दाता की मुलाकात पूरी नगर पंचायत में एकलौते चपरासी से हुई। संवाद्दाता ने खाली कुर्सियों को लेकर जब सवाल पूछा तो अधिकारियों का डर उसके चेहरे पर साफ दिखा।
  • ऐसे में और सवाल करना लाजमी भी नहीं था क्योंकि उसका चेहरा देखकर यह साफ पता चल रहा था कि वह किसी सवाल का जवाब देना नहीं चाहता था या देने से डर रहा था।
  • खीरी नगर पंचायत का यह हाल किस वजह से था, इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए। जिससे भविष्य में कार्यालय की यह स्थिति दोबारा न देखनी पड़ें|