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इन 7 मामलों में एप्पल पर भारी पड़ते हैं एंड्रॉयड स्मार्टफोन

नई दिल्ली । एप्पल ने बेहतर टेक्नोलॉजी, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के साथ iPhone 8 लॉन्च किया है। इसमें कई तरह के एडवांस फीचर पेश किए गए हैं। आईफोन को एंड्रॉइड की तुलना में ज्यादा सिक्योर भी माना जाता है। हालांकि, बिक्री के मामले में यह एंड्रॉयड से काफी पीछे है। ऐसा इसलिए क्योंकि आईफोन की कीमत बहुत ज्यादा है जिसे हर कोई अफोर्ड नहीं कर सकता है। लेकिन केवल कीमत ही बिक्री कम होने का कारण नहीं है। आईफोन के ऐसे कई फीचर्स हैं जो यूजर्स को एंड्रॉयड में काफी समय में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही आईफोन में कई ऐसी बातें भी हैं जो लोगों को काफी परेशानी में डाल देती हैं। ऐसे में कई यूजर्स को ज्यादा पैसे देकर आईफोन खरीदना पैसों की बर्बादी करना लगता है।

किसी भी केबल से चार्ज होना:

आईफोन किसी भी अन्य केबल से चार्ज नहीं होता है। इसके लिए कंपनी का ओरिजनल चार्जर ही इस्तेमाल किया जाता है। आईफोन का यूएसबी कनेक्टर एंड्रॉयड से बिल्कुल अलग है। वहीं, अगर एंड्रॉयड की बात करें तो यह किसी भी कॉमन केबल से चार्ज किया जा सकता है।

ड्यूल सिम सपोर्ट:

आईफोन में केवल एक सिम ही काम करती है। ऐसे में अगर यूजर दो सिम इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उन्हें आईफोन के अलावा भी दूसरा फोन खरीदना होगा। जबकि एंड्रॉयड में ड्यूल सिम के अलावा तीन सिम वाल फोन भी उपलब्ध है।

एंड्रॉयड प्रोफाइल न होना:

आईफोन एप्पल के iOS पर काम करता है। इसका अपना प्ले स्टोर है। आपको बता दें कि कई ऐसी एप्स या गेम्स हैं जो गूगल प्ले स्टोर पर तो उपलब्ध हैं लेकिन एप्पस स्टोर पर नहीं दी जाती हैं। ऐसे में इस सेगमेंट में भी एंड्रॉयड बाजी मार रहा है।

मैमोरी:

किसी भी स्मार्टफोन यूजर के लिए मैमोरी काफी अहम होती है। लेकिन आईफोन यूजर्स को कम मैमोरी में ही संतुष्टि करनी पड़ती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर ज्यादा मैमोरी वाला फोन चाहिए तो यूजर्स को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। आईफोन की लिमिटेशन 256 जीबी तक है। साथ ही इसमें मैमोरी कार्ड का विकल्प भी मौजूद नहीं है। जबकि एंड्रॉयड में मैमोरी स्लॉट के साथ-साथ एसडी कार्ड का विकल्प भी दिया जाता है।

वायरलेस चार्जिंग:

आईफोन में वायरलेस चार्जिंग फीचर को इस बार पेश किया गया है। जबकि एंड्रायड में यह फीचर इससे पहले ही आ चुका है। आपको बता दें कि सैमसंग गैलेक्सी एस6 में यह फीचर दिया जा चुका है।

Widget कस्टमाइज:

अगर एंड्रॉयड यूजर चाहे तो फोन की स्क्रीन पर विजेट को कस्टमाइज कर सकता है। यानी स्क्रीन पर किस ऐप को कहां रखना है ये वो खुद से तय कर सकता है। जबकि आईफोन यूजर के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं है।

कॉल रिकॉर्डिंग:

आईफोन में अभी तक कॉल रिकॉर्डिंग फीचर नहीं दिया गया है। वहीं, इसके आने के भी कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं। लेकिन एंड्रॉयड में यह फीचर काफी पहले से मौजूद है। ऐसे में देखा जाए तो इस सेगमेंट में भी एप्पल, एंड्रॉयड से काफी पीछे रह जाता है। 

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