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आरुषि-हेमराज हत्याकांड: आज रिहा हो सकते हैं तलवार दंपती, दान किए जेल में कमाए हुए 99 हजार रुपये…

गाजियाबाद : हाई कोर्ट के आदेश के बाद आरुषि-हेमराज मर्डर केस में चार साल की सजा काट चुके कैदी नंबर 9342 (राजेश) और 9343 (नुपूर) आज रिहा होंगे। जेल में 1417 दिन में तलवार दंपती की ओर से कमाए गए 99 हजार रुपये उन्होंने कैदियों के कल्याण के लिए जेल प्रशासन को दान कर दिए। जेल में रहने के दौरान राजेश तलवार ने मुरादनगर के आईटीएस हॉस्पिटल के सहयोग से तैयार कराए डेंटल क्लिनिक में पूरा समय दिया। इस दौरान उन्होंने जेल अफसरों और बंदियों के दांतों का इलाज किया, जबकि नुपूर ने अपना समय बच्चों और अनपढ़ महिलाओं को शिक्षित करने में बिताया। दोनों ने 49,500-49,500 रुपये कमाए।

कोर्ट से बाइज्जत बरी हो चुके तलवार दंपती रविवार को पूरे दिन साथी कैदियों से मिले और बैरक में अपना सामान भी बांध लिया। वहीं, रविवार को जेल के हॉस्पिटल में उनके आखिरी दिन में दांत चेक करवाने वाले बंदियों की भीड़ रही। उन्होंने आठ मरीजों के दांतों की फिलिंग भी की।

जेल अधीक्षक दधिराम मौर्य ने बताया कि जेल प्रशासन ने तलवार दंपती के रिहाई के दस्तावेजों को तैयार कर लिया है। कोर्ट की सर्टिफाइड कॉपी मिलते ही उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि रविवार को दोनों ने अन्य कैदियों के साथ खाना भी खाया।

कैदियों से मिलने आते रहेंगे
सामान्य दिनों में नौ बजे के बाद जेल हॉस्पिटल में आने वाले राजेश तलवार रविवार सुबह आठ बजे ही पहुंच गए थे। जेल प्रशासन ने कैदियों तक यह संदेश भिजवा दिया था कि तलवार रविवार को अंतिम दिन हॉस्पिटल में आएंगे। डॉ़. राजेश ने 25 कैदियों के दांतों की प्रॉपर टेस्टिंग की। इनमें आठ के दांतों की फिलिंग भी की। जेल से रिहा होने के बाद भी तलवार दंपती अन्य कैदियों के इलाज के लिए हर 15 दिन बाद डासना जेल जाते रहेंगे। वहां वे डेंटल प्रॉब्लम से जूझ रहे कैदियों का चेकअप करेंगे। जेल प्रशासन ने ही उनसे गुजारिश की थी कि वह कैदियों के दांत के इलाज के लिए आया करें।

रोजाना 40 रुपये मिलते थे
तलवार दंपती ने जेल में डेंटल क्लिनिक का पूरा सेटअप बनाया था। उन्होंने ही वहां कई तरह के उपकरण उपलब्ध कराए थे। वे दोनों नियमित तौर पर जेल में बंद अन्य कैदियों के दांतों का इलाज किया करते थे। इसकी एवज में तलवार दंपती को रोजाना 40 रुपये मिलते थे, जिसे उन्होंने अब तक नहीं लिया है।

हजारों कैदियों को ठीक किया
डासना जेल के डॉक्टर सुनील त्यागी ने कहा कि तलवार दंपती ने जेल के डेंटल डिपार्टमेंट में कई कैदियों को दांत की बीमारी से उबरने में मदद की थी। तलवार दंपती ने हमें भरोसा दिलाया है कि वे हर 15 दिनों में जेल में अपने साथी कैदियों के चेकअप के लिए आएंगे। डॉ. त्यागी ने बताया कि कैदियों के अलावा राजेश और नूपुर तलवार ने जेल के स्टाफ, पुलिस अधिकारियों और उनके बच्चों का भी इलाज किया, जब से तलवार यहां आए थे, उन्होंने हजारों कैदियों को ठीक किया।

नुपूर ने जेल के मंदिर में की पूजा
सामान्य तौर पर सुबह ही अपने बैरक संख्या-13 में पूजा करने वाली नुपूर ने रविवार को नाश्ता करने से पहले जेल के मंदिर में पूजा-अर्चना की। वहीं, राजेश सवेरे जल्दी उठने के बाद बैरक-11 में अपने साथी कैदियों से काफी देर बातचीत करते नजर आए।

मिलने नहीं आया कोई करीबी
उम्मीद थी कि रविवार को नुपूर और राजेश से मिलने उनके परिवार का कोई सदस्य या करीबी मिलने आ सकता है, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। इसकी पुष्टि जेल अधीक्षक ने भी की। हालांकि जेल प्रशासन ने राजेश और नुपूर को जरूर मिलवा दिया।

शुक्रवार को क्यों नहीं हो पाई रिहाई
गुरुवार को हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद भी उनकी अभी तक रिहाई नहीं हो पाई क्योंकि समय से जेल प्रशासन को फैसले की कॉपी नहीं मिल पाई। शनिवार और रविवार को छुट्टी थी। इसलिए सोमवार को फैसले की कॉपी मिलते ही उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।

मई 2008 में नोएडा के एक घर में आरुषि और उसके नौकर हेमराज की डेड बॉडी पाई गई थी। गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के अडिशनल सेशन जज श्यामलाल यादव ने मशहूर डेंटिस्ट राजेश और नूपुर तलवार को परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर दोषी माना था। जस्टिस यादव ने 28 नवंबर 2013 को तलवार दंपती को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया।