आतंकियों को फंडिंग के मामले में एनआईए की कार्रवाई से अलगाववादियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी सहित कई अलगाववादियों पर गाज गिर सकती है। माना जा रहा है कि एनआईए जल्द ही इस संबंध में पूछताछ कर सकती है।
एनआईए की कार्रवाई से घाटी में आतंकियों और पत्थरबाजों की कमर टूटेगी। अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले इस कार्रवाई से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पत्थरबाजी की घटनाओं पर अंकुश लग सकता है। एनआईए की छापेमारी को केंद्र सरकार की सख्ती के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि एनआईए की कार्रवाई के बाद अलगाववादियों को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं भी बंद हो सकती हैं। इसके तहत हवाई यात्रा से लेकर होटलों में रुकने और इलाज के खर्च पर भी रोक लग सकती है।
इसके लिए पत्थरबाजों को 500 रुपये तक दिहाड़ी दी जा रही थी। कालेजों तथा स्कूलों में पत्थरबाजों की टीम भी बनाई गई थी। महिला अलगाववादियों की ओर से छात्राओं को भी पत्थरबाजी के लिए भड़काने के इनपुट्स मिले थे।
वर्ष 2002 में आयकर विभाग ने गिलानी समेत हुर्रियत के कई नेताओं की जांच की थी। नकदी और दस्तावेज जब्त किए गए थे। उस समय कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया था, लेकिन इस बार एनआईए ने हुर्रियत के नाम पर एफआईआर दर्ज की है। इस वजह से माना जा रहा है कि हुर्रियत नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।