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अलगाववादी नेताओं पर गिरी गाज, बंद होगी सरकारी सुुविधाएं, गिलानी पर कसा शिकंजा

101347-syed-ali-shah-geelaniआतंकियों को फंडिंग के मामले में एनआईए की कार्रवाई से अलगाववादियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी सहित कई अलगाववादियों पर गाज गिर सकती है। माना जा रहा है कि एनआईए जल्द ही इस संबंध में पूछताछ कर सकती है।
 
एनआईए की कार्रवाई से घाटी में आतंकियों और पत्थरबाजों की कमर टूटेगी। अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले इस कार्रवाई से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पत्थरबाजी की घटनाओं पर अंकुश लग सकता है। एनआईए की छापेमारी को केंद्र सरकार की सख्ती के रूप में देखा जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि एनआईए की कार्रवाई के बाद अलगाववादियों को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं भी बंद हो सकती हैं। इसके तहत हवाई यात्रा से लेकर होटलों में रुकने और इलाज के खर्च पर भी रोक लग सकती है। 

पाकिस्तानी फंडिंग से हो रही थी कश्मीर में हिंसा की साजिश

हवाला आपरेटरों से पैसे मिलने के शक के बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को पूरी स्थिति से अवगत कराया गया। इसके बाद छापेमारी की रणनीति बनाई गई। इसके लिए एनआईए की टीम ने शुक्रवार को ही घाटी में डेरा डाल दिया था। बताया जा रहा है कि पाक से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल पत्थरबाजों को भड़काने में किया जा रहा था।
इसके लिए पत्थरबाजों को 500 रुपये तक दिहाड़ी दी जा रही थी। कालेजों तथा स्कूलों में पत्थरबाजों की टीम भी बनाई गई थी। महिला अलगाववादियों की ओर से छात्राओं को भी पत्थरबाजी के लिए भड़काने के इनपुट्स मिले थे।

2002 में आयकर विभाग ने की थी कार्रवाई

पिछले वर्ष बुरहान वानी के मारे जाने के बाद लगातार पत्थरबाजी का दौर चला था। अब फिर से पिछले लगभग दो महीने से यह सिलसिला जारी है। लगातार कालेज के छात्रों की ओर से सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसाए जा रहे हैं। मुठभेड़ स्थलों से आतंकियों को फरार होने में मदद के लिए पथराव की घटनाएं बढ़ीं हैं।
वर्ष 2002 में आयकर विभाग ने गिलानी समेत हुर्रियत के कई नेताओं की जांच की थी। नकदी और दस्तावेज जब्त किए गए थे। उस समय कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया था, लेकिन इस बार एनआईए ने हुर्रियत के नाम पर एफआईआर दर्ज की है। इस वजह से माना जा रहा है कि हुर्रियत नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 
 

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