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अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने लगाई पाकिस्तान को फटकार बताया, “झूठा और कपटी”, नही करेंगे मदद

वॉशिंगटन, एएनआइ। डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा पाकिस्‍तान पिछले 15 सालों से अमेरिकी नेताओं को आतंकवाद के नाम पर मूर्ख बनाता चला आ रहा है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने एक बार फिर पाकिस्‍तान के आतंकवाद के प्रति ढुलमुल रवैये पर अंगुली उठाई है। ट्रंप ने कहा कि पाकिस्‍तान पिछले 15 सालों से अमेरिकी नेताओं को आतंकवाद के नाम पर मूर्ख बताना आ रहा है।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के ट्वीट पर टिप्‍पणी करते हुए पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री ख्‍वाजा आसिफ ने कहा कि हम राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट का जल्द ही जवाब देंगे इंशाअल्लाह…। हम दुनिया को सच और कल्‍पना से वाकिफ कराएंगे। 

ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका पिछले 15 सालों में मूर्खतापूर्ण तरीके से 33 अरब डॉलर से ज्यादा राशि बतौर सहायता पाकिस्तान को दे चुका है। मगर उसने(पाकिस्तान ने) हमारे नेताओं को मूर्ख समझकर हमें झूठ और छल-कपट के अलावा और कुछ नहीं दिया।’ पाकिस्तान को झूठा और कपटी देश करार देते हुए ट्रंप ने कहा कि उसने अमेरिका को धोखा देने के सिवा कुछ नहीं किया। आतंकियों के खात्मे के नाम पर हमसे धन लेता रहा और वास्तव में वह उन्हें सुरक्षित पनाह दिए रहा। हम अफगानिस्तान में उसकी पनाह पाए आतंकियों से लड़ते रहे, 

मारे जाते रहे। बहुत हो चुका। हम अब ऐसा और नहीं होने देंगे। पाकिस्तान को कोई सहायता नहीं देंगे। ट्रंप इस समय फ्लोरिडा में मार-अ-लागो स्थित अपने रिजॉर्ट में हैं। वहां पर वह नववर्ष का जश्न मनाने के लिए गए हैं। वहीं से उन्होंने यह ट्वीट किया है। 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा कि पाकिस्‍तान की ओर से आतंकवाद से लड़ने के लिए जो राशि दी जा रही है, हमें उसके बदले सिर्फ छल-कपट ही मिला है। लेकिन अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्‍तान में आतंकियों के नेटवर्क को काफी हद तक खत्‍म कर दिया है। पाकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान को आतंकियों के लिए ‘जन्‍नत’ बना रखा था।

हालांकि ये पहला मौका नहीं है, जब डोनाल्‍ड ट्रंप ने पाकिस्‍तान की नीयत पर सवाल उठाए हों। इससे पहले बीते साल भी अमेरिका ने पाकिस्तान को कई बार आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। अमेरिका ने कहा था कि पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों के प्रति अवश्य ही अपना रुख बदलना चाहिए और उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।

रक्षा मंत्री जिम मैटिस भी पाकिस्तान का दौरा करके आतंकवाद से लड़ने के लिए ज्यादा कुछ करने की ताकीद कर चुके हैं। सीआइए प्रमुख माइक पोंपियो आतंकी पनाहगाहों पर एकतरफा कार्रवाई की चेतावनी दी है। इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने उन्हें पाकिस्तान को हल्के में लेकर कोई एकतरफा कार्रवाई न करने के लिए कहा है। 

उल्लेखनीय है कि अमेरिका पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में एकतरफा कार्रवाई करके पूर्व में अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार चुका है। तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर भी अमेरिकी ड्रोन के एकतरफा गोपनीय हमले में मारा गया था। 

चैरिटी की आड़ में आतंकियों को पनाह 
अमेरिका मानता है कि जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेश आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो चेहरे हैं। लश्कर –ए-तैयबा की स्थापना हाफिज ने 1987 में की थी। 2008 में मुंबई हमलों के लिए इस संगठन को भारत और अमेरिका दोनों जिम्मेदार बताते हैं। ये बात अलग है कि सईद इन आरोपों से इनकार करता रहा है। 19 दिसंबर के जो दस्तावेज सामने आए हैं उनमें फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) सईद के दो संगठनों का जिक्र करता है। एफएटीफ एक अंतरराष्ट्रीय समूह है जो मनी लॉन्ड्रिंग,आतंकियों को वित्तीय मदद के खिलाफ कार्रवाई करता है। एफएटीएफ ने साफ कर दिया है कि या तो पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे या तो निगरानी सूची में शामिल होने के लिए तैयार रहे।