लखनऊ: योगी सरकार जन आंदोलनों के दौरान कारोबारियों पर दर्ज मुकदमों को वापस ले सकती। यूपी के कानून मंत्री बृजेश पाठक के मुताबिक, प्रदेश के व्यापारी संगठनों से ऐसे कारोबारियों की एक लिस्ट तैयार की जा रही है जिनके खिलाफ विभिन्न जन आंदोलनों जैसे कि चक्का जाम, घेराव या ऐसे आंदोलन के दौरान अधिकारियों के साथ तकरार जैसे मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसको 2019 लोकसभा चुनाव से पहले व्यापारियों को लुभाने के नजर से भी देखा जा रहा है।
पाठक ने कहा, ‘ये मुकदमें किसी व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के कारण नहीं, लिहाजा इन्हें वापस लेने पर सरकार विचार करेगी। मुकदमा वापस लेने के लिए सरकार के पास अर्जी भेजनी होगी।’
कानून मंत्री ने बताया कि विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने उन्हें उनके संज्ञान में यह मामला रखा है। इन संगठनों का कहना है कि प्रदेश में बड़ी संख्या में व्यापारियों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान राजनीतिक बदले की भावना से मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि एक व्यापारी संगठन के पदाधिकारी को 81 दिनों तक इसलिए जेल में रहना पड़ा, क्योंकि उन्हें खुद पर दर्ज मुकदमे के बारे में जानकारी ही नहीं थी। बाद में उन्हें रिहा किया गया और उनका मुकदमा खारिज हुआ।
पाठक ने कहा कि राज्य सरकार व्यापारियों के भले के लिए कृत संकल्पित है। सरकार किसी भी कीमत पर उनका शोषण नहीं होने देगी। कानून मंत्री ने कहा कि सरकार व्यापारियों की समस्या के बारे में और अधिक जानकारी के लिए पंचायतें आयोजित करेगी। इन पंचायतों में अधिकारी तथा कारोबारी मौजूद रहेंगे।