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मामूली समस्या नहीं है एसिडिटी,रखें अपने खान पान का ध्यान

हेल्थ डेस्क|

अनियमित खानपान,खराब जीवनशैली और जंक फूड के बढते सेवन की वजह से एसिडिटी जीवनशैली  से जुडी बीमारी का रुप ले चुकी है| पेट  हमारे पूरे शरीर में सबसे अहम हिस्सों में से एक माना जाता है। अगर यह दुरुस्त ना हो तो शरीर का संतुलन  तो बिगडता है साथ कई बिमारियों को भी जन्म देता है|एसिडिटी भी ऐसे ही पेट से जुडी एक बड़ी समस्या है|

कैसे होती है एसिडिटी ? जानिए कारण

हम जो खाना खाते हैं, उसका ठीक तरह से पचना बहुत ज़रूरी  है। पाचन की प्रक्रिया में हमारा पेट एसिड को स्रावित करता है जो पाचन के लिए बहुत ही ज़रूरी होता है।जिसकी मदद से यह भोजन आसानी से पच जाता है। यह एसिड भी ज़रूरी है। लेकिन कई बार पचाने के लिए पेट में पर्याप्त भोजन ही नहीं होता अगर हमारे पेट मे एसिड की मात्रा कम हो तो  । इसके परिणामस्वरूप सीने में जलन, सिरदर्द, और पेट के बीच के पथ में पीड़ा और परेशानी का एहसास होता है। जिससे पेट में अल्सर और अल्सर के बाद कैंसर तक होने की सम्भावना हो जाती है।

  • ऐसे में एसिडिटी या अम्लता की समस्या हो जाती है। इसे आमतौर पर दिल की चुभन या हार्टबर्न भी कहा जाता है।
  • एसिडिटी होने  के बहुत से कारण होते हैं- जैसे खान-पान में अनियमितता,खाने को ठीक तरह से नहीं चबाना,और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना ,मसालेदार और जंक फ़ूड आहार का सेवन करना भी एसिडिटी के अन्य कारण होते हैं।
  • इसके अलावा हड़बड़ी में खाना और तनाव ग्रस्त होकर खाना,तथा धूम्रपान और मदिरापान भी एसिडिटी के कारण होते हैं।
  • कैसे पहचाने  एसिडिटी के लक्षण :  पेट में जलन का एहसास , गले में जलन, सीने में जलन ,  खट्टी डकार आना , कब्ज होना  पेट में गैस बनना आदि|

क्या करे एसिडिटी से बचने के लिये

  • रोजाना सुबह  करे सैर -प्रतिदिन नियमित सुबह-शाम 2-3 किलोमीटर की सैर करने से तन्दुरस्ती ठीक रहती है और इससे अम्लपित्त की समस्या से निपटने में भी  मदद मिलती है।
  • सुबह उठने के तुरन्त बाद 2-3 गिलास पानी अवश्य पीएं।
  • कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन जैसे चावल एसिडिटी रोकने में मददगार है, क्योंकि ऐसे भोजन की वजह से पेट में एसिड की कम मात्रा बनती है। डॉयफ्रूइट्स, फ्रूट्स, फ्रूट्स सलाद जैसी चीजें खाएं।

कुछ घरेलू उपचार

  1. एसिडिटी से बचने  के लिये हम डाक्टर के पास न जाकर घर पर ही इसका उपचार कर सकते है
  2. एक गिलास जल में २ चम्मच सौंफ़ डालकर उबालें। इसे रात भर रखे। सुबह छानकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पीयें।
  3. आधा से एक चम्मच मीठा सोडा,काला नमक को गुनगुने जल में मिलाकर सेवन करने से एसिडिटी में तत्काल आराम मिलता है।
  4. प्रात: नाश्ते में 1-2 पके केले खाकर दूध पीने से एसिडिटी में लाभ होता है।
  5. प्रतिदिन प्रात: ताज़ा मूली का रस 20 मि०ली० में मिश्री या शक्कर मिलाकर सेवन करें या मूली के पत्तों का रस 200 मि० ली० कि मात्रा में लेकर इसमें शक्कर मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त में लाभ होता है।

नियमित व्यायाम है जरुरी

  • एसिडिटी से बचने के कोई खास व्यायाम नही है पर कार्डियो एक्सरसाईज,साईकलिंग दौडना,टहलना याहां तक कि आप ट्रेडमिल या जिम का उपयोग कर सकते है|
  • ध्यान रहे कोई भी उपचार अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह अवाश्य लें|