Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

CBI Vs CBI: सीबीआई ऑफिसर का बड़ा आरोप,अस्थाना के खिलाफ़ जांच में अजीत डोभाल ने दिया दखल

नयी दिल्ली|

सीबीआई में अफसरों की जंग की आंच अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और केंद्रीय मंत्री तक पड़ने लगी है। सीबीआई में DIG रैंक के अफसर मनीष कुमार सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपने नागपुर तबादले को चुनौती दी और जांच एजेंसी में सरकार के दखल के गंभीर आरोप लगाए। 

सिन्हा मीट कारोबारी मोइन कुरैशी केस में अस्थाना पर 2.95 करोड़ घूस लेने के आरोपों की जांच कर रहे थे। सिन्हा का आरोप है कि इस जांच में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने दो मौकों पर तलाशी अभियान रोकने के निर्देश दिए थे। अस्थाना की शिकायत करने वाले हैदराबाद निवासी सतीश बाबू सना ने उन्हें यह भी बताया था कि गुजरात से सांसद और मौजूदा कोयला व खनन राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी को भी कुछ करोड़ रिश्वत दी गई थी। सिन्हा ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) पर भी दखल के आरोप लगाए। 

सिन्हा का आरोप है कि जांच में राकेश अस्थाना को मदद पहुंचाने के लिए ही उन्हें नागपुर भेजा गया। उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऐसे सबूत हैं, जो चौंका देंगे। लेकिन कोर्ट ने कहा कि अब हमें कुछ नहीं चौंकाता। कोर्ट ने अर्जी पर तुरंत सुनवाई से इनकार किया, लेकिन कहा कि याची मंगलवार को सीबीआई चीफ की सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। 

जांच में NSA पर दो बार दखल का आरोप, सफाई का इंतजार 
17 अक्टूबर को अस्थाना के खिलाफ घूस के आरोपों में FIR की बात जब NSA को पता चली, तो उसी रात उन्होंने अस्थाना से बात की। अस्थाना ने NSA से गिरफ्तारी से बचाने को कहा था। 

20 अक्टूबर को जब अस्थाना खेमे के डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार के ठिकानों पर तलाशी ली गई, तो सीबीआई चीफ का फोन आया और NSA के निर्देश पर जांच रोकने को कहा गया था। 

ये भी हैं आरोप 
मौजूदा कोयला-खनन राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी को भी कुछ करोड़ रिश्वत दी गई थी। उनके दफ्तर ने ऐसे किसी केस में शामिल होने से इनकार किया है। 

CVC के. वी. चौधरी पर भी जांच में दखल का आरोप लगाया, लेकिन उन्होंने आरोप पर अब तक कोई सफाई नहीं दी है। 

न्यूज़ सोर्स:NBT