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1.5 साल में आई मां-बेटी हत्याकांड की डीएनए परीक्षण रिपोर्ट

dna-test_1464447335खंदारी में अधिवक्ता प्रवीण कुमार गुलाटी की पत्नी रमा गुलाटी और बेटी दीक्षा गुलाटी की हत्या में आरोपी उनके भतीजे गौरव गुलाटी के खिलाफ पुलिस को एक और अहम साक्ष्य मिला है। डीएनए परीक्षण रिपोर्ट उसके खिलाफ गई है। वारदात के 1.5 साल बाद लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने यह रिपोर्ट अदालत को भेज दी है। यह परीक्षण तब किया गया जब देरी पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की। इस मामले में अब तेजी से सुनवाई हो सकती है।
  दोहरा हत्याकांड 24 जून 2015 को हुआ था। रमा और दीक्षा को बड़ी बेरहमी से मारा गया था। दीक्षा मानसिक और शारिरिक रूप से विकलांग थी। इसके बावजूद हत्यारे को उस पर तरस नहीं आया था। दोनों को चाकुओं से गोदा गया था। उन पर पत्थर के चकले को कपड़े में बांधकर भी प्रहार किए गए थे।
पुलिस ने 30 जून को प्रवीण गुलाटी के भतीजे गौरव को गिरफ्तार किया था। वारदात में कातिल को भी चोट आई थी। उसके खून की बूंदें छत की तरफ मिली थीं। पुलिस ने इनके सैंपल और गौरव के खून के सैंपल डीएनए परीक्षण के लिए भेजे थे। इसकी जांच में देरी पर देरी होती जा रही थी।
पिछले दिनों हाईकोर्ट ने देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ से रिपोर्ट तलब की थी। माना जा रहा है कि इसी सख्ती के चलते फटाफट परीक्षण किया गया। इंस्पेक्टर हरीपर्वत थाना ने बताया कि लैब से रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी गई है। उधर लैब सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट गौरव के खिलाफ गई है।
लैब में लटके केस
1. भरतपुर हाउस गोलीकांड 

बेलेस्टिक परीक्षण के लिए सैंपल आगरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे गए थे। पांच महीने हो गए। चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। लेकिन लैब में केस को अभी तक प्राथमिकता पर ही नहीं लिया गया है। नंबर के हिसाब से एक साल और लग सकता है।
2. ग्रोवर दंपति हत्याकांड
खंदारी में ही 14 नवंबर की रात ग्रोवर दंपति की हत्या की गई थी। मौके से मिले फिंगर प्रिंट की संदिग्ध लोगों के फिंगर प्रिंट से मिलान के लिए सैंपल लखनऊ लैब भेजे गए थे। अभी तक रिपोर्ट नहीं आई। वारदात की गुत्थी भी सुलझ नहीं पाई है।
 
 

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