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हेडफोन या ईयरफोन खरीदने से पहले जरुर रखें इन बातों का ध्यान

नई दिल्ली। मौजूदा वक्त में जितना जरुरी स्मार्टफोन है, उतना ही जरुरी है, उससे जुड़ी एक्सेसरीज भी होती है। इन्हीं खास एक्सेसरीज में से एक एयरफोन/ हेडफोन भी हैं।

अधिकतर स्मार्टफोन्स के साथ ही कंपनी के ईयरफोन्स भी आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है दुनियाभर में सामने आईं अलग-अलग रिपोर्ट्स के अनुसार ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल बहरेपन की वजह भी बन सकता है।

हालांकि इससे बचने का एक तरीका यह है कि जब भी आप नया ईयरफोन खरीदने जाए तो कुछ बातों को ध्यान में रखें। इस रिपोर्ट में हम ऐसी ही कुछ बातें बताने जा रहे हैं।

चेक कर लें ईयरफोन का डेसिबल –

स्टोनब्रुक फाउंडेशन के मुताबिक 85 डेसिबल (DB) या उससे नीचे की आवाज ही कानों के लिए सुरक्षित रहती है। इससे ज्यादा के ईयरफोन लेने और उनपर लगातार तेज आवाज में सुनना खतरनाक हो सकता है। इसलिए ईयरफोन लेने से पहले जरूर चेक कर लें की उसकी फ्रीक्वेंसी कितनी है।

नॉयस कैंसिलेशन –

कोई ईयरफोन या हेडफोन खरीदने से पहले उसका नॉयस कैंसलेशन जरूर चेक कर लें। नॉयस कैंसलेशन ईयरफोन या हेडफोन इस्तेमाल के दौरान बाहर होने वाले शोर को आपके कानों तक पहुंचने से रोकता है। इसको आप इस तरह चेक कर सकते हैं कि बिना म्यूजिक के हैडफोन या ईयरफोन लगाने के बाद भी अगर आपको बाहर की आवाज नहीं आ रही तो आपके ईयरफोन बेहतर हैं।

हेडफोन ड्राइवर का भी रखें ख्याल –

हेडफोन को खरीदते समय उसके ड्राइवर का भी ख्याल रखें। अब आप सोच रहे होंगे की ड्राइवर का क्या काम होता है? ड्राइवर ही हेडफोन को मिलने वाले सिग्नल को साउंड में कंवर्ट करता है। बाजार में ड्राइवर के साथ आने वाले कई हेडफोन उपलब्ध है। इसमें डायनामिक ड्राइवर, प्लेनर मैजेंटिक ड्राइवर आदि शामिल हैं। ये सभी अलग-अलग ड्राइवर पर काम करते हैं।

ईयरफोन से ज्यादा हेडफोन को दें वरीयता –

टेक एक्सपर्ट विभा सचदेव के अनुसार- ‘अगर आप म्यूजिक सुनने के लिए डिवाइस ले रहे हैं तो हेडफोन हमेशा ईयरफोन से बेहतर साबित होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि तेज आवाज आपके कान के पर्दों को ईयरफोन के मुकाबले कम नुकसान पहुंचाती है।’