चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं कि जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां के मुख्यमंत्री, मंत्री और राजनीतिक तौर पर नामित लोग तब तक वैधानिक निकायों के समक्ष दायर अपीलों की सुनवाई नहीं कर सकते, जब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।
यदि कानून के किसी प्रावधान या अदालती आदेश के कारण ऐसी कोई सुनवाई अनिवार्य हो जाती है, तो मुख्यमंत्री, मंत्री या राजनीतिक तौर पर नियुक्त पदाधिकारियों की बजाय इसकी सुनवाई प्रधान सचिव द्वारा नामित सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए।
चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों से मंगलवार तक उनकी अनुपालन रिपोर्ट भेजने के लिए भी कहा है।