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सडे चावल मिलने पर कार्ड धारक ने एसडीएम से की शिकायत

देव श्रीवास्तव/खमरिया खीरी।

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत गरीबों को सस्ते दामों पर मिलने वाले खाद्यान्न मे मिली गड़बड़ी गोदाम से कोटेदारो को दिया गया सडा हुआ चावल खाद्यान्न वितरण के समय खुली पोल जब कोटेदार द्वारा राशन वितरण के समय चावल की बोरी खोली गई तो उसमे खराब किस्म का चावल निकला। सडा चावल मिलने पर कार्ड धारक ने एसडीएम धौरहरा से शिकायत की जिस पर एसडीएम ने कोटेदार को तलब कर लिया। मामला कुछ यूँ है कि सोमवार को जुगुनूपुर गांव का कोटेदार राजेश राशन वितरित कर रहा था। दुकान से कार्डधारको को दिया जा रहा चावल सडा होने पर सुरेन्द्र चौरसिया निवासी फत्तेपुर मजरा जुगुनूपुर ने आपत्ति की इस पर कोटेदार का कहना था कि इसके लिये वह दोषी नही है। गोदाम से जैसा मिला वैसा दिया जा रहा है। इस पर कार्ड धारक ने एसडीएम धौरहरा से शिकायत कर दी जिस पर एसडीएम साहब ने कोटेदार राजेश को मंगलवार को तहसील मे तलब कर पूछताछ की जिस पर कोटेदार राजेश ने एसडीएम को लिखित शपथ पत्र देकर चावल गोदाम से ही सडा हुआ मिलने की बात कही।

एसडीएम ने कोेटेदार राजेश के बयान के आधार पर गोदाम प्रभारी को तलब किया है लेकिन पूर्ति निरीक्षक और पर्यवेक्षक से कोई सवाल तक नही किया गया। बता दे कि गोदाम से उठान और वितरण पर नजर रखना पूर्ति निरीक्षक की जिम्मेदारी है वही वितरण के समय राशन दुकान पर मौजूद रहकर वितरण कराने के लिये पर्यवेक्षक नियुक्त है। लेकिन पर्यवेक्षकों की मनमानी के चलते राशन दुकानों से नदारद रहते हैं तहसील प्रशासन द्वारा लगाए गए पर्यवेक्षणीय अधिकारी। इस संबंध में एसडीएम धौरहरा घनश्याम त्रिपाठी ने बताया कि शिकायत मिलने पर कोटेदार को तलब किया गया था। उसके बयान के आधार पर गोदाम प्रभारी की लापरवाही साबित हुयी है। गोदाम प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।” जबकि गोदाम प्रभारी विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि नया गोदाम है उसमे फर्स भी नही है और इधर बारिश भी हुई थी जिस वजह से हो सकता है सीलन आ गई हो जिससे चावल मे नमी आ गई होगी।