नई दिल्ली : मोदी सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए देश को एक और सौगात दी है। सरकार ने डेबिट कार्ड से अब इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर पर लगने वाले शुल्क में राहत देने का फैसला किया है। इससे पहले डेबिट कार्ड भुगतान पर ट्रांजैक्शन शुल्क में राहत दी थी। इससे जहां आम जनता को राहत मिलेगी, वहीं कैश रखने के चक्कर से भी मुक्ति मिल जाएगी। सरकारी बैंकों से कहा है कि वे इमीडिएट पेमेंट सिस्टम (आइएमपीएस) और यूपीआइ से एक हजार रुपये से अधिक के ट्रांसफर पर लगने वाले शुल्क को एनईएफटी के बराबर स्तर पर सीमित रखें।
आरबीआई के नियमों के अनुसार एनईएफटी के जरिये अपने खाते से 10,000 रुपये तक ट्रांसफर करने पर 2.5 रुपये देय होता है। 10000 रुपये से एक लाख रुपये तक पर शुल्क बढ़कर पांच रुपये हो जाता है। एक से दो लाख रुपये तक के ट्रांसफर पर 15 रुपये और दो लाख रुपये से अधिक के ट्रांसफर पर 25 रुपये शुल्क लगता है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर सेवा कर भी देय होता है। बैंकों से वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 1000 से अधिक के यूएसएसडी ट्रांजैक्शन पर इन शुल्कों में पचास पैसे की और रियायत दिए जाने की जरूरत है।