Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

बड़ीखबर: GST बिल लोक सभा में हुआ पास, पूरे देश में लागू होगा एक ही कानून

arun-jaitleyनई दिल्ली : 29 मार्च का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक हो गया, क्योंकि जीएसटी से जुड़े चार विधेयक पर लोकसभा की मुहर लग गई है यानी जीएसटी के 1 जुलाई से लागू होने की सबसे बड़ी बाधा खत्म हो गई है. पूरे देश को एक बाजार बनाने वाली नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था यानी जीएसटी लागू करने के लिए लोकसभा ने चार अहम विधेयक म॔जूर कर दिए है. इन विधेयकों में सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (CGST), इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (IGST), यूनियन टेरीटरी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (UT GST) और गुड्स एंड सर्विसैज टैक्स (कम्पनशेषण टू स्टेट्स) बिल- शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज ट्वीट कर लोकसभा में जीएसटी के पास होने पर बधाई दी.

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है. जीएसटी लागू हो जाने पर केंद्र और राज्य स्तर के कई कर के साथ सेस और सरचार्ज मिलकर एक हो जाएंगे. जैसे केंद्र की ओर से लगने वाले प्रमुख अप्रत्यक्ष करों, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, विशेष उत्पाद शुल्क और सेवा कर मिलकर एक हो जाएंगे, वहीं राज्यों की ओर से लगाए जाने वाले प्रमुख अप्रत्यक्ष करों जैसे वैट, विलासिता कर, मनोरंजन कर (स्थानीय निकायो को छोड़) और चुंगी मिलकर एक हो जाएंगे. नई व्यवस्था लागू होने के बाद सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि एक सामान पर पूरे देश में एक ही कर होगा.

जिन चार विधेयकों को मंजूरी मिली है, उनके बारे में संक्षिप्त में थोड़ा जान लें. सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (CGST) -जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार किस तरह से कर वसूल सकती है, इस विधेयक में इसका उल्लेख किया गया है. इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (IGST) – ये विधेयक दो राज्यों के बीच वस्तुओं व सेवाओं के व्यापार पर कर लगाने के उद्देश्य से लाया गया है. इसके साथ ही आयातित सामान पर भी कर लगाने का अधिकार मिल जाएगा, वहीं यूनियन टेरिटरी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बिल (UT GST)-इस विधेयक के द्वारा पांच केद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्क्षद्वीप, दादरा नगर हवेली, दमन-दियू और चंडीगढ़ में जीएसटी लागू करना संभव हो सकेगा. गुड्स एंड सर्विसैज टैक्स (कम्पनसेशन टू स्टेट्स) बिल- कई राज्यों को ये आशंका थी कि उनकी आमदनी में कमी आएगी. इसके लिए संभावित नुकसान की भरपाई केंद्र करे. इसके लिए केंद्र सहमत हुआ और मुआवजे की व्यवस्था को सुचारू रुप से चलाने के लिए ही ये विधेयक लाया गया है. इस विधेयक में पांच साल तक नुकसान की पूरी राशि के बराबर मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है.

अब इन चार विधेयको के अलावा 29 राज्यों के साथ दिल्ली और पुड्डूचेरी की विधानसभाओं को स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (एसजीएसटी) से जुड़ा विधेयक पारित करना है. सम्भावना है कि पूरी विधायी प्रक्रिया दो महीने में पूरी हो जाएगी. उसके बाद 1 जुलाई से जीएसटी लागू करना संभव हो सकेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published.