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बड़ीखबर : लोकसभा चुनाव की तैयारियों का आज बिगुल फूंकेंगे राहुल, कार्यकर्ताओं को देंगे मंत्र

आज राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के सामने मौजूद चुनौतियों को स्वीकार करेंगे। चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने का कांग्रेस जनों से आह्वान करेंगे और अपनी मजबूत इच्छाशक्ति दिखाते हुए इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में चल रहे 84 वें कांग्रेस महाधिवेशन में वह एक साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों का बिगुल फूंकेंगे। 

राहुल गांधी अपने अध्यक्षीय भाषण में न केवल पार्टी की दशा-दिशा की रूपरेखा का संकेत देंगे बल्कि वह आने वाली हर चुनौती का सामना करने का भरोसा दिलाते हुए एक बड़ी राजनीतिक लाइन खीचेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष का संबोधन करीब 4.30 बजे तक हो पाने की उम्मीद है। 

नए कांग्रेस अध्यक्ष, नई कांग्रेस की जमीन तैयार करने के लिए काफी होमवर्क कर रहे हैं। वह महाधिवेशन में सोनिया गांधी की बगल वाली सीट पर बैठकर पार्टी के हर वक्ता और सेशन पर गौर कर रहे हैं। चुइंगम जैसी कोई चीज चबाते हुए दिखने वाले राहुल गांधी की भाव-भंगिमा को देखकर उनके चेहरे के आत्मविश्वास को साफ पढ़ा जा सका है। 

विरोधियों को गुमराह करने का पार्टी नहीं देगी अवसर

राहुल अपने संबोधन के बाद स्टीयरिंग कमेटी के सदस्यों को मंच पर आमंत्रित करेंगे। माना जा रहा है कि इसके बाद कांग्रेस में बदलाव की तेज हवा बहनी शुरू हो जाएगी।

पार्टी अपने सांगठनिक ढांचे तथा इसकी जिम्मेदारियों को निभाने वाले चेहरे में आमूल-चूल बदलाव लाएगी। सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह एक तरह से पार्टी के मेंटर(गुरू मंडली) के तौर पर मार्ग दर्शन करेंगे। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी सहयोगी होंगे।

वहीं कांग्रेस पार्टी में वरिष्ठ नेताओं के साथ युवा चेहरे भी ठीक-ठाक संख्या में दिखाई देने की उम्मीद है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उम्मीद युवा हैं। उनकी नजरों में देश का भविष्य युवा हैं और समझा जा रहा है कि वह युवाओं को आगे बढ़ने का आह्वान करेंगे।

पार्टी नहीं देगी अवसर
कांग्रेस पार्टी अब विरोधियों को हिन्दू, मुस्लिम जैसी लाइन पर विरोधियों को गुमराह करने का अवसर नहीं देगी। सोनिया गांधी पहले ही कह चुकी हैं कि विरोधियों ने कांग्रेस पर अल्पसंख्यक परस्त पार्टी का तमगा लगाने का दुष्प्रचार किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार का मुख्य कारण भी इसी को बताया था। 

पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि यह एक दुष्प्रचार था, जिसे समय रहते खत्म नहीं किया जा सका। इसे केन्द्र में रखकर एक ऐसी कांग्रेस का खाका तैयार करने की कोशिश हो रही है, जिसमें हर, समाज, वर्ग को उसके प्रतिनिधित्व और गरिमामयी उपस्थिति का एहसास कराया जा सके। पार्टी पर कभी भी हिन्दू विरोधी होने जैसा तमगा न लग सके।