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नोटबंदी से पहले BJP के अकांउट में कितने जमा हुए पता है?

img_20161115093946नई दिल्ली : आपने देखा और सुना भी होगा जब चोर पकड़ा जाता है तो कहता है कि वह चोर नही है कुछ बात इसी प्रकार की भाजपा के साथ हो रही है। असल मे पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी घोषणा से आठ दिन पहले, पश्चिम बंगाल बीजेपी द्वारा एक राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा 3 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे जिनको लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है।

पश्चिम बंगाल बीजेपी द्वारा जमा कराए गए तीन करोड़ रुपये में से 40 लाख रुपये तो पीएम की घोषणा से कुछ मिनट पहले ही जमा कराए गए थे। 
हालांकि बीजेपी जोर देकर कह रही है कि इन दोनों बातों को आपस में जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए, लेकिन विरोधियों को बीजेपी पर हमला करने का मौका मिल गया है। पश्चिम बंगाल में 19 नवंबर को एक विधानसभा और दो लोकसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले विपक्ष के हाथ यह बड़ा हथियार लग गया है।
 अलग अलग शाखाओं में जमा कराए पैसे खबरों के मुताबिक एक बैंक की सेंट्रल एवेन्यू शाखा ने बीजेपी द्वारा चार अलग-अलग शाखाओं में पैसे जमा कराए जाने की पुष्टि की है। सीपीएम के मुखपत्र ‘गणशक्ति’ में शुक्रवार को छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी ने 8 नवंबर को 60 लाख रुपये जमा करवाए और फिर 40 लाख रुपये। यह सारा पैसा 500 और 1000 के नोट की गड्डियों में था। पहला डिपॉजिट भारतीय जनता पार्टी, पश्चिम बंगाल के सेविंग्स अकाउंट (554510034) में दोपहर के वक्त किया गया, जबकि दूसरा डिपॉजिट शाम 8 बजे किया गया। हालांकि, यह साफ नहीं है कि आखिर बैंक 8 बजे तक कैसे खुला था।
बीजेपी ने अपना कालाधन सफेद किया इसी रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि भारतीय जनता पार्टी के ही एक दूसरे अकाउंट में 1 नवंबर को 75 लाख रुपये और 5 नवंबर को 1।25 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे। सीपीएम के प्रदेश सचिव सुर्जया कांत मिश्रा ने कहा, ‘यह संभव है कि बीजेपी के लोगों को नोट बैन के बारे में पहले से पता था, तभी उन्होंने पूरे देश में बड़ी राशि बैंकों में जमा करवा कर अपना काला धन सफेद कर लिया।’
क्या कहती है बीजेपी प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने किसी भी गड़बड़ी को नकारते हुए कहा, ‘आम तौर पर पार्टी की फंडिग डोनेशन के जरिए होती है जो कैश में भी दिया जाता है। कैश के बदले में हम रसीद देते हैं। इन रसीदों की कॉपी पार्टी दफ्तर में सत्यापन के लिए मौजूद है।’ प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘दूसरी पार्टियों की तरह बीजेपी अपने फंड्स का स्रोत नहीं छिपाती, हम आम तौर पर सभी लेन देन चेक के जरिए करते हैं।
क्या कहती है कांग्रेस कांग्रेस ने शुक्रवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने 1000-500 रुपये के नोट बैन करने की जानकारी ‘चुनिंदा तरीके से लीक’ की थी। कांग्रेस ने मांग की है कि ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक किए जाएं जिन्हें इससे फायदा मिला। पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि केंद्र को उन लोगों की लिस्ट जारी करनी चाहिए जिन्होंने 20 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच पांच लाख रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी, विदेशी मुद्रा और शेयर खरीदे।
उन्होंने 8 नवंबर के पहले अखबारों में छपी कई रिपोर्ट्स का जिक्र करते हुए कहा कि बैन की खबर, आधिकारिक घोषणा से पहले ही आम लोगों के बीच आ चुकी थी। उन्होंने कहा कि बैन के चलते ‘आर्थिक अव्यवस्था’ पैदा हो गई है, लोगों को बैंक में लंबी-लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है और एटीएम में पैसा मौजूद ना होने से लोग बहुत परेशान हैं।
प्रशांत भूषण क्या बोले वकील प्रशांत भूषण ने भी शुक्रवार को इस मु्द्दे को ट्वीट के जरिए उठाया। उन्होंने बैंक ट्रांजेक्शन से जुड़ा एक दस्तावेज ट्वीट करते हुए कहा, ‘यह इंडियन बैंक की सेंट्रल एवन्यू ब्रांच में मौजूद पश्चिम बंगाल बीजेपी का सिर्फ एक अकाउंट है जिसमें पीएम के भाषण के कुछ घंटों पहले, 1000 के नोटों के रूप में एक करोड़ रुपए जमा कराए गए।’
 

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