देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
दुधवा नेशनल पार्क एक बार फिर चर्चा में है। किसी उपलब्धि को लेकर नहीं बल्कि अपने एक बिगड़ैल हाथी द्वारा एक दुखद घटना को अंजाम देने की वजह से। दुधवा नेशनल पार्क के हाथी मोहन ने एक चारा कटर पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना की जानकारी मिलने पर पार्क अधिकारियों में हड़कंप मच गया। चारा कटर का शव सोनारीपुर में संचालित गैंडा पुनर्वास परियोजना में मिला है। हाथी को गुरूवार शाम वहां ले जाया गया था।
दुधवा नेशनल पार्क की सोनारीपुर रेंज के सलूकापुर के पालतू हाथी मोहन को अन्य हाथियों के साथ गुरूवार शाम गैंडा पुनर्वास परियोजना में ले जाया गया था। उसके साथ चारा कटर रंजीत 35 मूल निवासी ग्राम पांडा निवादा काशीपुर कानपुर देहात भी था। मोहन के साथ जंगल के भीतर ले जाए गए सभी हाथी वापस आ गए। लेकिन रंजीत नहीं लौटा। जिसके बाद से आशंका व्यक्त की जा रही थीं। इसकी खबर उच्चाधिकारियों को देर शाम ही दे दी गई थी, साथ ही मोहन की खोज भी शुरू हो गई। सुबह पुन: जब तलाश हुई तो गैंडा पुनर्वास परियोजना में रंजीत का शव पाया गया। जिसके बाद डिप्टी डायरेक्टर महावीर भी आ गए। डीडी ने बताया कि शव को देखकर यही पता लगा है कि उस पर किसी हाथी ने हमला किया था। यहां के कर्मियों ने बताया कि मोहन के साथ रंजीत काफी देर तक अकेला रहा था। वह हाथी को हुए छोटे जख्मों पर मरहम लगा रहा था। जिस दौरान ही यह घटना हुई होगी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है।
पहली बार नहीं है ये घटना,अब तक नहीं दिया कोई ध्यान
यह कोई पहला मौका नहीं है जब दुधवा के पालतू और बिगड़ैल हाथी मोहन ने किसी की जान ली है। कुछ माह पूर्व मोहन नामक हाथी ने चारा कटर छोटे लाल को पटक-पटक कर मार डाला था। लगातार दो घटनाएं होने से पार्क के अधिकारी चिंतित हैं वहीं हाथियों की देखभाल करने वाले चारा कटर, महावत आदि में भी दहशत है। डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी और इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हाथी की निगरानी भी बढ़ा दी गई है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा भी मृतक को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।