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जेल में सजा काट रहे राम रहीम को लगा जोरदार झटका, MSG कंपनी का CEO हुआ गिरफ्तार

साध्वी रेप केस में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के लिए बुरी खबर, एसआईटी ने बाबा की एमएसजी कंपनी के सीईओ को गिरफ्तार कर लिया है। सीईओ सीपी अरोड़ा सिरसा के रहने वाले हैं और उन्हें गुरुग्राम से दबोचा गया है। अरोड़ा पर 25 अगस्त को हुए पंचकूला दंगों में शामिल होने और हनीप्रीत को छिपने में मदद करने का आरोप है। उसके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है।

सुखदीप कौर की बुआ और फुफेरा भाई गिरफ्तार

दंगे के बाद 38 दिन तक फरार रहते हुए हनीप्रीत बठिंडा में (गांव जंगी राणा) जिस परिवार के साथ रही, वहां से मां-बेटे को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुए दोनों आरोपी रिश्ते में सुखदीप कौर की बुआ और फुफेरा भाई हैं।बता दें कि सुखदीप कौर को हनीप्रीत के साथ पकड़ा गया था। दोनों पर हनीप्रीत को पनाह देने का आरोप है। घर से पुलिस को कुछ और भी सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर छानबीन चल रही है। पुलिस ने 51 वर्षीय शरणजीत कौर और 22 वर्षीय गुरमीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्हें मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

पुलिस के मुताबिक फरार रहते हुए हनीप्रीत ने 9 सितंबर से 2 अक्तूबर के दौरान गांव जंगी राणा में पनाह ले रखी थी। एसीपी मुकेश मल्होत्रा ने बताया कि दोनों आरोपियों के घर में ही हनीप्रीत रुकी थी। इससे पहले भी निशानदेही के लिए उसे बठिंडा ले जाया गया था।
यूटी पुलिस का हेड कांस्टेबल गिरफ्तार
राम रहीम को 25 अगस्त को फरार कराने की साजिश में शामिल यूटी पुलिस के हेड कांस्टेबल लालचंद को पंचकूला की एसआईटी ने चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है। उस पर आरोप है कि आला अधिकारियों को जानकारी दिए बगैर ही डेरा प्रमुख के सुरक्षा काफिले में ड्यूटी देने के लिए शामिल हो गया। बताया जा रहा है कि वह डेरे से जुड़ा रहा है और दंगे के दिन आरोपी ने पंचकूला की तमाम गतिविधियों की जानकारी डेरे तक पहुंचाई।बता दें कि इस मामले में पहले ही हरियाणा, पंजाब, राजस्थान पुलिस के एक दर्जन से अधिक पुलिस और निजी सुरक्षा कर्मियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। डेरा प्रमुख को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के प्रयास में यूटी पुलिस के इंटेलिजेंस विंग में तैनात कांस्टेबल लाल चंद 25 अगस्त को डेरा प्रमुख के काफिले के साथ पंचकूला आया था। अदालत ने जैसे ही डेरा प्रमुख को दोषी करार दिया, उसे फरार कराने की  कोशिश हुई, जिसमें लाल चंद की भूमिका अहम मानी जा रही है।

पुलिस सूत्रों का दावा है कि पंचकूला में हिंसा होने के बाद से लाल चंद पर नजर रखी जा रही थी। इस दौरान हुई जांच में यह बात सामने आई कि चंडीगढ़ में ड्यूटी पर होने के बावजूद लाल चंद ने अधिकारियों के आदेशों की परवाह किए बगैर, बिना जानकारी काफिले में पहुंच गया। लालचंद के खिलाफ एसआईटी को पुख्ता सुबूत मिले हैं, जिसके आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है। उधर, पुलिस ने 17 अगस्त को सिरसा में हुई मीटिंग में शामिल एक और व्यक्ति की पहचान की है, जिसकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।