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Exclusive:कहानी इंदिरा मनोरंजन पार्क की…दूसरी किस्त

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।

गद्दियों की गुण्डागर्दी ने तबाह की पार्क की खूबसूरती

डेढ़ दशक तक लोगों को लुभाने वाले इंदिरा मनोरंजन पार्क की खूबसूरती अचानक बदसूरत होती चली गई। लोगों ने आना बंद कर दिया। बाड़ों में बंद जानवरों को लखनऊ भेज दिया गया। भ्रमण के लिए तो आना दूर अब कोई यहां झांकता तक नहीं। पर सवाल उठता है कि आखिर ऐसा हुआ तो हुआ क्यों? कौन इसके पीछे जिम्मेदार है? 

  इसके पीछे जिम्मेदार हैं आस-पास रहने वाले गद्दी लोग। पार्क की खूबसूरती पर हमला तब शुरू हुआ जब इन गद्दियों में से जानवर चराने वाले लोग यहां आना शुरू कर दिए। शुरुआती दौर में तो इनका आगमन पार्क के गेट तक था लेकिन बाद में इनकी आमद पार्क के अंदर होने लगी। रोकने-टोंकने पर यह लोग अभद्रता पर उतारू होने लगे। इतना ही नहीं इन लोगों ने पार्क में आने वाले परिवारों को भी नहीं छोड़ा। कई बार तो इन दबंगों ने हदें ही पार कर दीं। अभद्रता के साथ-साथ अश्लीलता पर उतारू हो गए। इनके लाए जानवर पार्क परिसर में जगह-जगह गंदगी फैलाने लगे। हरियाली को उजाड़ कर रख दिया। 

दुष्कर्म जैसी घटनाओं को भी दे चुके हैं अंजाम

 

वर्ष 2009 में यहां तैनात एक जिम्मेदार ने बताया कि यह चरवाहे यहां आने वाले जोड़ों से बदसलूकी करने से भी बाज नहीं आते। एक गंभीर मामले पर कहा कि इन गद्दियों ने यहां टहलने आए एक प्रेमी जोड़े को बंधक बना लिया। प्रेमी को डरा-धमका कर अलग ले गए और युवती के साथ गैंग रेप की घटना अंजाम दी। हालांकि बाद में लोक-लाज के डर से लड़की ने इस घटना का खुलासा नहीं किया। उन्होंने बताया कि यहां आने वाले प्रेमी जोड़ों के अलावा शादीशुदा जोड़ों को भी यह लोग परेशान करने से बाज नहीं आते। 

 

हत्या और लूट की वारदातों में भी हो चुके हैं शुमार

 

वर्ष 2009-10 में गन्ना सेंटर पर गन्ना उतरवाकर लौट रहे एक किसान की इन्हीं अपराधिक किस्म के लोगों ने हत्या कर दी थी। उसकी जेब में मौजूद नकदी लेकर फरार हो गए थे। इस मामले की तफ्तीश कर रही पुलिस ने अन्ततः जिन लोगों को पकड़ा वह इन्हीं गद्दी बिरादरी के ही लोग थे। यह लोग पार्क के आस-पास मौजूद रहकर लूट, छिनैती जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे। 

 

पार्क के कर्मचारी को भी था पीटा

 

पार्क में जबरन जानवर चराने आने वाले इन गद्दियों से उलझने का खामियाजा भी यहां का एक कर्मचारी भुगत चुका है। कर्मचारी ने बताया था कि जब उसने इन गद्दियों को यहां से भगाने के लिए कुछ सख्त लहजा अख्तियार किया तो वह सब मारपीट पर उतर आए। मामला बढ़ता देख साथियों ने हस्तक्षेप किया। जिसके बाद यह लोग पूरा दिन अपने जानवर पार्क में चराते रहे। शाम को जब वह कर्मचारी खरीददारी करने महेवागंज आ रहा था तो रास्ते में इन चरवाहों ने उसे पकड़कर बुरी तरह मारापीटा था। इस घटना के बाद से पार्क के कर्मचारी दहशतजदा हो गए। 

 

और तब हालात के सहारे छोड़ दिया गया पार्क को 

 

पार्क में तैनात पूर्व जिम्मेदार ने बताया कि कर्मचारी के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद कर्मचारी उसे न्याय दिलाने के इरादे से महेवागंज चैकी पहुंचे थे। वहां पहले से ही किसी सफेदपोश का फोन आ गया था। तत्कालीन महेवागंज इंचार्ज ने इस मामले में खौफ दिखाकर कार्रवाई न करने की सलाह देकर उन्हें वापस भेज दिया। इस घटना से सभी कर्मचारी दुखी भी हुए और नाराज भी। इसके बाद उन्होंने अपने कर्तव्यों तक ही सीमित रहने और पार्क को हालात के सहारे छोड़ दिया।