सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हेमराज की पत्नी ने कहा कि हाईकोर्ट का दोहरे हत्या मामले में तलवार दंपती को बरी करने का फैसला सही नहीं है। हाईकोर्ट ने इसे हत्या तो माना है लेकिन किसी को दोषी नहीं ठहराया है। उसने अपने फैसले में यह नहीं कहा कि आखिर हत्या किसने की। ऐसे में जांच एजेंसी का यह दायित्व है कि वह हत्यारे का पता लगाए।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला भी दिया गया है जिसमें कहा गया है कि अगर घर के भीतर कोई हत्या होती है तो घर में मौजूद व्यक्ति की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह घटनाक्रम की जानकारी दें।
लेकिन इस मामले में तलवार दंपती यह बताने में असफल रहे हैं कि आखिर आरूषि और हेमराज की हत्या कैसे हुई और किसने की। याचिका में कहा गया कि निचली अदालत का फैसला सही है और उसे बहाल किया जाना चाहिए।
यह है मामला
मई, 2008 में आरुषि तलवार और हेमराज का शव नोएडा स्थित घर से मिला था। गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने दोनों की हत्या के लिए तलवार दंपती को दोषी करार देते हुए तलवार दंपती को उम्रकैद की सजा सुनाई लेकिन 12 अक्तूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित इस मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए तलवार दंपती को बरी कर दिया था।