चेन्नई : वीके शशिकला को AIADMK की कमान सौंपी गई है और उन्हें पार्टी महासचिव चुन लिया गया है। यह फैसला गुरुवार को हुई जनरल काउंसिल बैठक में हुआ। जयललिता का उत्तराधिकारी चुनने के लिए यह मीटिंग हुई थी, जिसमें एकमत से यह फैसला लिया गया। जयललिता के निधन के बाद से ही यह पद खाली पड़ा था। शशिकला पिछले ढाई दशकों से जयललिता की करीबी मानी जाती रही हैं। 1980 के दशके के आखिर में पहली बार दोनों का संपर्क हुआ था। इसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गई। 1991 में पहली बार जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी, तब जयललिता अपने परिवार समेत उनके साथ ही रहने लगी थीं।
कहा जाता है कि शशिकला ज्यों-ज्यों जयललिता के नजदीक आती गईं उनके अपने परिजन उनसे दूर होते गए। जयललिता और शशिकला पहली बार कानून के घेरे में तब आईं जब 1996 में दोनों पर 3.78 एकड़ सरकारी जमीन को औने-पौने दाम पर खरीदे जाने का आरोप लगा। तांसी जमीन घोटाले के रूप में चर्चित इस मामले ने पहली बार जयललिता को जेल जाना पड़ा। जयललिता 2003 में इस मामले में बरी हुईं। 19 दिसंबर 2011 को जयललिता ने शशिकला और उनके परिवार के 12 रिश्तेदारों को पार्टी से निकाल दिया। उन सब पर जयललिता के तख्ता पलट की कोशिश से लेकर घोटालों तक के आरोपों लगाए गए।