भारतीय सभ्यता में प्राचीन काल से ही मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने की प्रथा रही है। स्वास्थ्य के नजरिए से देखा जाए तो मिट्टी की हांडी में खाना पकाना आज के प्रेशर कुकर की तुलना में कई गुना ज्यादा लाभकारी सिद्ध होता है। आज हम आपको बताएंगे कि क्यों मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाना प्रेशर कुकर से ज्यादा फायदेमंद होता है।
कम नहीं होते हैं माइक्रो न्यूट्रीएंट्स
मिट्टी के बर्तनों में पके दाल का माइक्रो न्यूट्रीएंट्स 100 ℅ रहता है जबकी, कुकर में पकाई दाल में 13 प्रतिशत ही माइक्रो न्यूट्रीएंट्स बच पाता है ।
- भोजन स्वादिष्ट बनता है-स्वाद के मामले में भी मिट्टी के बर्तनों में पके भोजन का कोई जवाब नहीं। प्रेशर कुकर में बनाए भोजन की तुलना में मिट्टी के बर्तनों में पकाए भोजन काफी ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं।
- खाना खराब नहीं होता-मिट्टी के बर्तन में पके भोजन जल्दी खराब नहीं होते। साथ ही मिट्टी के बर्तन में पकाए भोजन आपके पोषक तत्वों को कम नहीं होने देते।
- किसी भी मिट्टी से नहीं बनाए जाते हैं बर्तन-अगर आप सोचते हैं कि बर्तन किसी भी तरह की मिट्टी से बनाए जा सकते हैं, तो आप बिल्कुल गलत हैं। क्योंकि हर तरह की मिट्टी से बर्तन नहीं बनते। इसके लिए एक खास तरह की मिट्टी का ही उपयोग किया जाता है। एक खास तरह की मिट्टी से हांडी बनती है, तो दूसरे खास तरह की मिट्टी से कुल्हड़ बनता है।
तो इस तरह से आपने जाना मिट्टी की हांडी में खाना पकाना कितना लाभदायक है। इसलिए हम तो यही कहेंगे कि जहां तक हो सके कुकर की तुलना में मिट्टी की हांडी में खाना पकाना ज्यादा अच्छा होगा क्योंकि भोजन स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर रहता ह।. समय थोड़ा ज्यादा तो जरूर लगेगा, लेकिन इसमें पकाए गए भोजन के स्वाद और गुणवत्ता की पूरी गारंटी तो रहेगी।