यमुनोत्री धाम के कपाट छह महीने के लिए बंद हो गए हैं। भाई दूज के दिन दोपहर सवा एक बजे मंदिर के कपाट बंद होने से पहले विधि-विधान से पूजा अर्चना हुई। इसके बाद यमुना जी की उत्सव मूर्ति शीतकालीन पड़ाव खरसाली गांव के लिए रवाना हो गई।
करीब पांच किलोमीटर का सफर तय करने के बाद इसे सर्दियों के लिए यमुनोत्री मंदिर में स्थापित किया जाएगा। कपाट बंद होने के बाद श्रद्धालु शीतकालीन पड़ाव में मां यमुना के दर्शन खरसाली गांव और मां गंगा के दर्शन मुखवा में कर सकेंगे।