लखीमपुर खीरी/देव श्रीवास्तव: नोट बंदी के बाद बैंक की लाइनों में जहां उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। वही इलाहाबाद बैंक की विकास भवन शाखा में कैशियर द्वारा लेन देन के समय संगीत का आनंद लिया जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, ठीक बगल में बैठे शाखा प्रबंधक कर्मचारी को मना करने के बजाय संगीत का आनंद लेते दिखे।
- इलाहाबाद बैंक की विकास भवन स्थित यह शाखा पहले भी मैनेजर को लेकर कई बार अखबारों की सुर्खियों में आई है।
- इस बार मामला नया इसलिए है क्योंकि कर्मचारी काम पर नहीं संगीत पर ध्यान दे रहे हैं।
- दोपहर दो बजे से ढाई बजे के बीच कर्मचारियों ने लंच किया और उसके बाद अपनी अपनी सीट संभाल ली।
- लोगों को लगा कि काफी इंतजार के बाद अब उन्हें जल्द से जल्द पैसे मिल जाएंगे।
- लेकिन बैंक कर्मचारी व मैनेजर काम के समय मौज मस्ती के मूड में थे।
- शायद यही कारण रहा कि जब कैशियर द्वारा लेनदेन किया जा रहा था उस समय कंप्यूटर पर बैकग्राउंड में म्यूजिक चल रही थी
- म्यूजिक पहले बहुत तेज थी फिर कुछ उपभोक्ताओं के द्वारा आपत्ति किए जाने पर इसे बंद करने की बजाए मैनेजर के इशारे पर सिर्फ धीमा किया गया।
अब आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि प्रधानमंत्री द्वारा जिन बैंक कर्मियों के कंधे पर नोट बंदी के बाद एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। वही कर्मचारी अपने शौक के आगे उपभोक्ताओं को बौना समझ रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसे बैंककर्मियों पर कार्यवाही नहीं होनी चाहिए।